देश में इलेक्ट्रिक रेल इंजन का ट्रेंड आने से अब डीजल इंजन इस्तेमाल कम हो रहा है। इसलिए अब बिहार के सारण जिले के छपरा में बन रही रेल डीजल इंजन फैक्ट्री पर बंद की तलवार लटक रही है। खबर है कि जल्द ही ये डीजल कारखाना बंद कर दिया जाएगा। फैक्ट्री की बंदी को लेकर बिहार के सीएम नितीश कुमार ने कहा है कि वे मढ़ौरा रेल कारखाना के भविष्य के प्रोजेक्ट को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेंगे।
उन्होंने बताया कि ये फैक्ट्री मढ़ौरा में रेलवे और अमेरिका की जर्नल इलेक्ट्रिक कंपनी के साथ पाटर्नरशिप में शुरू हो हुई थी। दो साल भी नहीं हुए और इस प्रोजेक्ट के बंद होने की खबर है। बता दें कि ये डीजल रेल कारखाना देश का दूसरा और बिहार का पहला डीजल कारखाना है।
इतनी जल्दी पूरा नहीं होगा इलेक्ट्रिफिकेशन का काम-
बिहार के सीएम नीतीश कुमार के मुताबिक, भारतीय रेल के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। 1.1 लाख किलोमीटर के पूरे रेलवे ट्रैक के इलेक्ट्रिफिकेशन में काफी समय लगेगा। तब तक डीजल इंजन की जरूरत पड़ेगी। तत्काल प्रभाव से डीजल इंजन के कारखानों को बंद करने की अभी कोई जरूरत नहीं। बता दें कि इस प्रोजेक्ट को बंद करने के लिए या इस कॉन्ट्रैक्ट से बाहर आने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल को आम सहमति की भी जरूरत पड़ेगी।
अहम है ये प्रोजेक्ट
बता दें कि सारण जिला बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का गृह जिला है। वहीं मोदी सरकार के पूर्व मंत्री राजीव प्रताप रूडी इसी जिले के छपरा से सांसद हैं। हाल ही में उन्होंने बयान दिया था कि साल 2019 से इस डीजल रेल कारखाने में प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा।