paytm तो यूज करते होंगे आप, पर अब जानिए इस शख्स के बारे में, जिसकी सोच ने दिया paytm को जन्म
नोटबंदी के इस दौर में हम में से कई लोग paytm का सहारा ले रहे हैं। पर क्या आपको पता है कि उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाले शख्स की सोच ने पेटीएम को जन्म दिया। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा को एक वक्त ऐसे दौर से गुजरना पड़ा था, जब उनके पास खाने के लिए जेब में पैसे नहीं थे। तमाम कठिनाइयों का डटकर मुकाबला करते हुए उन्होंने 24 प्रतिशत की सालाना ब्याज दर पर पैसे लोन लेकर अपने कारोबार को सफलता के अनोखे पायदान पर बैठाया। इस कंपनी का एक-एक पैसा उनकी कहानी को बयां करता है।
विजय शेखर शर्मा इंडियन बिजनेस वर्ल्ड के चेहरों में से एक हैं। उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ जिले के एक छोटे से गांव से नाता रखने वाले विजय पढ़ाई में तेज थे। गांव के ही हिंदी मीडियम स्कूल से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। आपको ये जानकर हैरानी जरूर होगी कि मात्र 12 साल की उम्र में 10वीं और 14 साल में उन्होंने 12वीं पास कर ली थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के एक कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की। हालांकि इस दौरान उन्हें अंग्रेजी माध्यम के सिलेबस से दो-चार होना पड़ता था, क्योंकि उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई हिंदी मीडियम से की थी। पर उन्होंने हिम्मत नहीं खोई। एक मिडिल क्लास फैमिली में पले-बड़े विजय पैसे की अहमियत काफी करीब से जानते थे, इसलिए उन्होंने एक दोस्त के साथ मिलकर कॉलेज टाइम से ही अपना बिजनेस शुरू कर दिया।
1997 में उन्होंने indiasite.com नाम की कंपनी खोली। हालांकि फिर उन्होंने इस कंपनी को एक अमेरिकी कंपनी के हवाले कर दिया और इसी में नौकरी करने लगे। करीब एक साल तक नौकरी करने के बाद उन्होंने अपना बिजनेस शुरू करने का मन बनाया। सिलिकॉन वैली में बड़ी-बड़ी कंपनियों को देख विजय ने भी सपने देखना शुरू कर दिया। अपने सपने को साकार करने के लिए वह अमेरिका छोड़ भारत लौट आए। वर्ष 2007 में उन्होंने वन 97 कंपनी शुरू की। ये कंपनी मोबाइल से जुड़े समाचार, रिंगटोन, क्रिकेट समाचार आदि उपलब्ध कराती है। लेकिन 2011 में तेज गिरावट के चलते कंपनी लॉस में चली गई। इसके बाद उन्होंने अपने करीबी लोगों से 24 प्रतिशत की ब्याज दर पर पैसे उधार लिए और एक कंपनी फिर से शुरू की। इस दौरान पैसे बचाने के लिए उन्होंने बस -ऑटो तक का सफर किया। घर का किराया न दे पाने की स्थिति में वे देर रात तक घर लौटते और सुबह होते ही घर से निकल जाते ताकि मकान मालिक से मुलाकात ही न हो सके।
यहां से आया पेटीएम का आइडिया-
2010 में उन्होंने गौर किया कि भारत में स्मार्टफोन का यूज बहुत बढ़ रहा है। उन्होंने इस क्षेत्र में ही एक बड़ा मौका ढूंढा और फिर इससे जुड़े एक ऐसे आइडिया को जन्म दिया , जिससे लोगों की समस्या का निदान हो सके। उन्होंने पेटीएम डॉटकॉम नाम की एक वेबसाइट खोली और ऑनलाइन मोबाइल रिचार्ज की सुविधा शुरू की। हालांकि ऐसी बहुत सी वेबसाइट थीं, जो मोबाइल रिचार्ज करती थीं, लेकिन पेटीएम का तरीका बिल्कुल आसान और सीधा था। पेटीएम की इसी खासियत की वजह से लाखों करोड़ों लोग इसे ग्राहक बनते चले गए। उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक ऑनलाइन वॉलेट, मोबाइल रिचार्ज, बिल पेमेंट, बस व फ्लाइट बुकिंग मनी ट्रांसफर और ऑनलाइन शॉपिंग जैसी सुविधाओं को भी इसमें जोड़ दिया। 122 मिलियन एक्टिव यूजर्स और 130 मिलियन वॉलेट यूजर्स के साथ पेटीएम आज 35 करोड़ की कंपनी बन चुकी है।
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