देश के वीर बच्चों को पीएम मोदी ने किया सम्मानित
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अपनों के लिए तो हर कोई जान की बाजी लगा देता हैं। पर दुसरों के लिए शायद ही । लेकिन हमारे देश में कई ऐसे बच्चे है जिन्होंने दूसरों को बचाने के लिए अपने जान की कुर्बानी दे दी। जी हां देश भर के कुल ऐसे 25 बच्चे जो अपनी बहादुरी से दुसरों के लिए मिसाल बन गये। इन सभी बच्चों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जनवरी को राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार से सम्मानित करेगें।
किसकों दिया जाता है
इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर की अध्यक्ष गीता सिद्धार्थ ने बताया कि देश भर के विभिन्न राज्यों के बच्चों को अपार साहस, निडरता के साथ दूसरों का जीवन बचाने के लिए राष्ट्रीय वीरता का पुरस्कार 1957 से शुरु किया गया था। 6 से 18 साल तक के बच्चों को यह पुरस्कार दिया जाता है और अभी तक कुल 857 बच्चों को दिया गया है। वीरता पुरस्कार के साथ- साथ अन्य चार और पुरस्कार बच्चों को दिया जाता हैं।
अपने बहादुरी से दुसरों की जान बचाने वाले 25 बच्चों का आज पीएम सम्मान करेगें। इसके बाद ये बच्चे रिपब्लिक डे परेड में भी हिस्सा लेंगे। इन बच्चों में 12 लड़कियां और 13 लड़के शामिल हैं। चार बच्चों को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया जाएगा। इन बच्चों में केरल से 4, दिल्ली से 3 ,पश्चिम बंगाल छत्तीसगढ़ से 2 बच्चे शामिल है और उत्तराखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, कर्नाटक, नागालैंड, हिमाचल प्रदेश, असम, उत्तर प्रदेश, दिल्ली मणिपुर से 1-1 बच्चे है। वहीं मरणोपरांत सम्मानित होने वाले बच्चों में मिजोरम से 2, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर 1 -1 बच्चे शामिल हैं।
भाई के लिए चीतें से लड़ा
उत्तराखंड के सुमित को इस साल वीरता पुरस्कार से इसलिए सम्मानित किया जा रहा है क्योंकि सुमित ने अपने छोटे भाई को चीतें से लड़कर बचाया । ऐसे ही अरुणाचल प्रदेश की आठ साल की तार पीजू ने अपने जान की परवाह ना करते हुए अपनी दो सहेलियों को नदी में बहने से बचाया । लेकिन वह अपनी जान नहीं बचा पायी इसलिए पीजू को मरणोपरांत सह पुरस्कार दिया जा रहा हैं ।
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