कला का माहौल बनाने के लिए जरूरी है मल्टीयार्ड कॉम्प्लेक्स कल्चर विकसित करना: जयंत
कला का अस्तित्व बनाए रखने के लिए मल्टीयार्ड कॉम्प्लेक्स कल्चर बेहतरीन विकल्प है। इससे न केवल कला का पारंपरिक स्वरूप बना रहेगा बल्कि कला का माहौल बनाने के लिए मल्टीयार्ड कॉम्पलेक्स कल्चर के जरिए कला के क्षेत्र में भी विकास होगा। जाने-माने आर्ट डायरेक्टर जयंत देशमुख ने पटना राज्य के कला, संस्कृति और युवा मंत्री शिवचंद्र राम से मुलाकात में ये सुझाव दिए है। उनहेांने राज्य सरकार क्षरा हाल ही में फिल्म कल्चर कसो बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए मल्टीयार्ड कॉम्प्लेक्स कल्चर को डवलप करनेकी बात भी कही है। उन्होंने कहा है कि सभी राज्यों में एक ऐसा मल्टीयार्ड कॉम्प्लेक्स होना चाहिए जहां थिएटर, सिनेमा, पेंटिंग जैसी कलाओं के लिए एक सेंटर हो। इससे यकीनन ही कला का माहौल बनेगा और देशभर में लोग इन कलाओं की तरफ आकर्षित होंगे।
जयंत देशमुख के अनुसार बिहार वैसे भी पहले से कला का क्षेत्र रहा है। यहां बड़े फिल्म, कवि, लेखक हुए हैं, फिर भी यहां के लोगों को मुंबई जाना पड़ता है। वहीं साउथ इंडस्ट्री के लोगों को मुंबई आने की जरूरत नहीं पड़ती है। वे अपने राज्य में ही रहकर इंटरनेशनल पॉपुलेरिटी प्राप्त कर लेते हैं। उनके अनुसार आज युवा अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा जॉइन करते हैं, सोचिए अगर देश के हर राज्य में मल्टीयार्ड कॉम्प्लेक्स कल्चर होगा तो किसी युवा को भी एनएसडी जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वह अपने शहर में भी रहकर अपन प्रतिभा निखार पाएगा।
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