अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले स्कूल मुहैया कराएगी सरकार, जिसके लिए शिक्षा की कमी का उल्लेख करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने एक पैनल स्थापित किया गया हैं। इस पैनल के माध्यम से केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर अल्पसंख्यक जिलों में 211 सेंट्रल स्कूल स्थापित करने की सिफारिश की गई है।
अल्पसंख्यक समुदाय में शिक्षा के मजबूत करने के लिए विस्तृत रोडमैप तैयार किया गया था। इसके लिए दिसंबर में मौलाना आजाद ऐजुकेशन फाउंडेशन और अफजल अमानुल्ला के उपस्थिति में समिति की स्थापना की गई थी।
पैनल ने इसके लिए सुझाव रखा है कि विद्यालय का समय 9ः30 बजे से शुरू हो ताकि छात्र स्कूल जाने से पहले मदरसा जा सकें। इस योजना मेंं पैनल ने अपना मत रखा है कि विभिन्न्न अल्पसंख्यक जिलों में 25 सामुदायिक कॉलेज खोले जाएंगे जहां पर बच्चों ने स्कूल के बाद पढ़ाई छोड़ दी है तो वह इसे जारी रख सकें। इन कॉलेजो में छात्रों के लिए डिग्री कोर्स तो उपलब्ध रहेगा साथ ही स्किल सर्टिफिकेट भी मुहैया कराए जाएगे जिससे वह बेहतर भविष्य बना सकें। सूत्रों के मुताबिक अल्पसंख्यक कल्याण मुंत्री मुख्तार अब्बास नकवी एक बैठक भी आयोजित कर सकते हैं, ताकि यह योजना सफल हो।
विज्ञान और प्रौद्योगिकीए स्वास्थ्य और संबद्ध विज्ञान, वास्तुकला योजना और डिजाइन, जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन, अक्षय ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में विशेष शिक्षा को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के 5 संस्थानों की स्थापना की जाने की भी सिफारिश की गई है।
पैनल ने प्रत्येक स्कूल के लिए 20 करोड़ रूपये और उसके वार्षिक रखरखाव के लिए 3 करोड़ रूपये की लागत राशि मुहैया कराने की बात कही है। पैनल ने 2001 से 2011 के जनगणना के आंकड़ों को देखते हुए कहा कि, ‘मुस्लिम विशेष रूप से शिक्षा और कौशल विकास में पीछे हेते जा रहे है। आज के समय में मुसलमान शिक्षा से सबसे अधिक वंचित हैं।