UP election: सौतन से लेकर बाप-बेटे तक इनमें होगा चुनावी दंगल
11 फरवरी से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव शुरु हो रहे है। इस बार का विधानसभा चुनाव कई मामलों में बेहद दिलचस्प होने जा रहा हैं। प्रदेश में इस कई विधानसभा सीटों पर चौका देने वाले उम्मीदवार देखने को मिल रहे है। कही पति पत्नी के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है। तो कहीं बेटा पिता के खिलाफ। केवल इतना ही नहीं कुछ सीटों पर सौतन भी चुनाव लड़ रही है।
उत्तर प्रदेश का यह पहला चुनाव है जहां तारीखों के ऐलान से पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने ही पिता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। दिलचस्प यह बात यह है कि सीएम अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव सपा पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे है। लेकिन उन्होंने चुनाव के बाद सपा छोड़ नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। बहरहाल, चुनाव का नतीजा जो भी हो लेकिन राजनीति रिश्तो और रक्त संबंधो को कैसे प्रभावित करती है, यह यूपी चुनाव में यह बखूबी देखने को मिलेगा।
चुनावों में उलझी रिश्तों की डोर
रिश्तों की डोर राजनीति में कैसे उलझती है इसे उत्तर प्रदेश की कुछ विधानसभाओं में बखूबी देखा जा सकता है। आगरा और फिरोजाबाद की कुछ सीटों पर पिता पुत्र के खिलाफ तो कुछ सीटों पर पति पत्नी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके है। ऐसा ही हाल देवरिया और अमेठी का भी है। इस चुनाव में ऐसे पति पत्नी भी है, जो दिन भर अलग-अलग प्रचार करते है और फिर शाम को खाने की मेज पर इक्ठे बैठकर खाना खाते है।
– आगरा की बाह विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे बसपा प्रत्याशी मधुसूदन शर्मा के लिए परेशानी यह है कि उनकी पत्नी मंजू मधुसूदन भी अब चुनावी रथ पा सवार हो गई है।
– इस बार के विधानसभा चुनाव में देवरिया सदर विधानसभा सीट से पूर्व एमएलसी जय प्रकाश जायसवाल समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में है, तो उनकी पत्नी डॉ कृष्णा जयसवाल भाजपा से टिकट मांग रही थी। लेकिन टिकट न मिलने के बाद उन्होंने अब राष्ट्रीय लोक दल का दामन थाम लिया है ।
-फिरोजाबाद की जसराना से जब अखिलेश यादव ने सपा विधायक रामवीर सिंह यादव का टिकट काटा तो उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल से पर्चा भर दिया। लेकिन दिलचस्प यह हुआ कि उनके खिलाफ उनके बेटे अमोल यादव भी चुनावी जंग में कूद पड़़े है।
– ऐसे ही बागरा साउथ से भाजपा प्रत्याशी योगेंद्र उपाध्याय के खिलाफ उनकी पत्नी प्रीति उपाध्याय चुनावी मैदान में है ।
संजय सिंह के लिए सबसे बड़ी मुसिबत
उत्तर प्रदेश के अमेठी सीट से इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। इस सीट पर जहां भाजपा ने कांग्रेस पार्टी से राज्ससभा सांसद राजा संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह को उम्मीदवार बनाया हैं तो उनके सामने सौतन अमिता सिंह चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर चुकी है।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी ने गठबंधन से पहले ही गायत्री प्रजापति को अमेठी सीट से टिकट दे दिया है। लेकिन अमिता सिंह ने ऐलान कर दियर है कि, अगर उन्हे कांग्रेस पार्टी से टिकट नही मिला तो वो इस सीट से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेगी। बता दें कि , एक ही राजमहल में रहने वाली गरिमा और अमिता के बीच संजय सिंह की संपत्तियों को लेकर गहरा विवाद जारी हैं।यूपी इलेक्शनः सौतन से लेकर बाप-बेटे तक इनमें होगा चुनावी दंगल
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