घाटे में यूपी सरकार, फिर भी टैक्स फ्री फिल्मों का लगा अंबार
हाल ही में स्वरा भास्कर के लीड रोल वाली फिल्म ’निल बटे सन्नाटा’ को यूपी में टैक्स फ्री कर दिया गया है। ये पहली बार नहीं है जब यूपी में किसी फिल्म को टैक्स फ्री किया गया है। इससे पहले भी कई फिल्मों को यूपी में टैक्स फ्री किया जा चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिल्में टैक्स फ्री करने से सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान होता है।
जी हां… पिछले कुछ सालों में यूपी में फिल्में टैक्स फ्री करने से सरकार को लगभग 18 करोड़ 96 लाख राजस्व हानि हुई है। यह खुलासा कुछ समय पहले मनोरजंन कर आयुक्त कार्यालय की उस रिपोर्ट से हुआ है जो आरटीआई के तहत मांगी गई थी। इनमें कई फिल्में ऐसी थीं जिनमें बिना प्रक्रिया का पालन किए सरकार ने मनमर्जी से टैक्स फ्री कर दी थीं।
फिल्में टैक्स फ्री करके अखिलेश सरकार ने वाहवाही तो लूट ली लेकिन इससे राजस्व का भारी नुकसान हुआ। मनोरंजन कर आयुक्त कार्यालय के जन सूचना अधिकारी अखिलेश मणि त्रिपाठी ने एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को आरटीआई में उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने एक जनवरी 2012 से 24 मार्च 2016 के बीच 29 फिल्में टैक्स फ्री की हैं। इन फिल्मों को टैक्स फ्री करने में अब तक कुल 18.96 करोड़ की राजस्व हानि हुई है। अप्रैल में टैक्स फ्री हुई नीरजा और निल बटे सन्नाटा इस घाटे में शामिल नहीं है।
2012 से अब तक ये फिल्में हुईं टैक्स फ्री
ये फ़िल्में हैं गट्टू, कृष्णा और कंस, भाग मिल्खा भाग, टू लिटिल इंडियन्स, डेढ़ इश्किया, जय हो, या रब, भूतनाथ रिटर्न्स, मर्दानी, मैरीकॉम, कटियाबाज़, चार साहबजादे, पीके, तेवर, हवाईजादा, जय हो डेमोक्रेसी, हमारी अधूरी कहानी, बजरंगी भाईजान, मिस टनकपुर हाज़िर हो, इश्क के परिंदे, जानिसार, मसान, दृश्यम, मांझी द माउंटेन मैन, वन्स अपॉन ए टाइम इन बिहार, चाक एन डस्टर, बाजीराव मस्तानी, एयरलिफ्ट, साला खडूस, नीरजा और निल बटे सन्नाटा।
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