देश के जी का जंजाल बना सोशल मीडिया
सोशल मीडिया, ये दो शब्द आज हर एक की लाइफ का बड़ा हिस्सा हो गए हैं और सही भी है बदलते वक्त के साथ बदलती चीजों को अपनाना गलत नहीं है और सोशल मीडिया को लेकर हर किसी का अपना अपना नज़रिया और सोच है। कोई इसे अपने खाली समय का साथी बना बैठा है तो कोई अपने फ्रेंड्स और दुनिया के हालचाल जानने का ज़रिया मानता है।
- - Advertisement - -
सोशल मीडिया, आज की जरुरत बन गया है हर खबर, यहाँ आसानी से मिल जाती है। सोशल मीडिया की वजह से दुनिया कभी तस्वीरों में सिमटी सी नजर आती है तो कभी शब्दों में। facebok, twitter, whatsapp, instagram jaise social plateforms ने अब हर किसी को हर किसी से जोड़ दिया है। एक क्लिक करके आप किसी के दोस्त बन सकते हैं। अपने इंटरेस्ट के हिसाब से लोगो से जुड़ सकते हैं हर रोज कुछ नया सीख सकते हैं।
यहाँ अब बात ये है कि कितने लोगो की सोच ऐसी है और कौन इसे कैसे यूज़ कर रहा है। सोशल मीडिया पर ट्रेंड और वायरल सिस्टम चलता है और जो कुछ भी ट्रेंड में चल रहा है उसे लोग ज्यादा देखना, सुनना और शेयर करके वायरल करना पसंद करते हैं। सोशल मीडिया आज हर किसी के लिए एक टूल बन गया है अपनी बात किसी भी स्तर तक पहुंचाने के लिए। आज जब रेल मंत्री सुरेश प्रभु और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपने ट्विटर पर लोगों से सीधे जुड़ कर उनकी समस्याओं का समाधान निकालते हैं तो बहुत अच्छा लगता है कि चलो कुछ तो ऐसा है जो कही तक तो हमारी बात पहुंचा ही देता है।
विश्व भर में लगभग 200 सोशल नेटवर्किंग साइट हैं जिनमें फेसबुक, ट्वीटर, आर्कुट, माई स्पेस, लिंक्डइन, फ्लिकर, इंस्टाग्राम (फोटो, वीडियो शेयरिंग साइट्स) सबसे अधिक लोकप्रिय हैं। एक सर्वे के मुताबिक विश्वभर में लगभग 1 अरब 28 करोड़ फेसबुक यूजर्स हैं। वहीं, विश्वभर में इंस्टाग्राम यूजरों की संख्या 15 करोड़, लिंक्डइन यूजरों की संख्या 20 करोड़, और ट्वीटर यूजरों की संख्या 9 करोड़ है।
भारत में भी ये आंकड़ा बहुत ज्यादा है और अब जब सस्ते स्मार्ट फ़ोन आ गए हैं तो इस वजह से सोशल मीडिया लगभग हर वर्ग की पहुँच के भीतर है, लेकिन आज देश में जो डर, हंगामे, और बिना सोचे समझे किसी भी बात पर रिएक्ट करने की जो सिचुएशन बन रही है वो बड़ी ही भयानक साबित हो रही है। लोग सोशल मीडिया के एडिक्ट हो गए हैं। अब सोशल मीडिया सिर्फ लोगो को जोड़ने तक ही सीमित नहीं रहा, इसके द्वारा ISIS, तालिबान, अल कायदा और अन्य आतंकी संगठन भी अपना आतंक फैलाने के लिए और लोगो की भर्ती करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
ये तो हो गई आतंकियों की बात, अब बात है आम जनता की तो यहाँ पर तो हालत ज्यादा बुरे हैं। लोग बिना सोचे समझे किसी भी फ़ोटो, विडिओ और संवादों को देखते हैं सुनते हैं और आगे बढ़ाते जाते हैं। फिर ये भी नहीं सोचते की इसका असर क्या होगा। आतंकी तो सोच समझ कर प्लान करके करते हैं जो करते हैं लेकिन आमजन तो सोचते ही नहीं और बोलने की आज़ादी के नाम पर नए मुद्दे को पुराना और पुराने को नया बना कर डालते रहते हैं।
आज किसी facebook पोस्ट से दंगे हो जाते हैं। अफवाहें फैलाने का सबसे हिट ज़रिया बन गया है सोशल मीडिया। अभी हाल में ही हुई कुछ घटनाएँ इस बात का ज्वलंत उदाहरण है। उत्तराखंड की पौड़ी में फेसबुक पर पोस्ट की गई एक आपत्तिजनक फोटो के बाद सतपुली में तनाव पैदा हो गया और इससे गुस्सा-ये ABVP के लोगो और कुछ स्थानीय लोगो द्वारा सिर्फ एक फेसबुक पोस्ट की वजह से तोड़-फोड़ और आगजनी की गई।
बंगाल में एक हिंदू किशोर ने इस्लाम की निंदा करते हुए एक फेसबुक पोस्ट की जिसे आपत्तिजनक पोस्ट के रूप में वर्णित किया गया, और फिर बंगाल में दंगे भड़क उठे लोग आमने सामने बिना सोचे समझे एक दूसरे को मारने लगे। राजनीति से जुड़े कुछ कम दिमाग लोग इस पर भी सोशल मीडिया पर वाहवाही लूटने से नहीं चूकते और कभी कभी कुछ बेबखूफ़ी भरी गलतियाँ कर देते हैं जिससे लोगो के बीच मज़ाक के कारण भी बनते हैं। दिल्ली बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने भी यही किया उन्होंने बिना सोचे समझे 2002 के गुजरात दंगों की एक पुरानी फ़ोटो को एडिट करके उस पर अपना संदेश लिखा और लोगो से बंगाल में हिंदुत्व को बचाने के लिए सपोर्ट माँगा। अब जब देश के नेता ही जागरूक नहीं हैं सोशल मीडिया को लेकर तो फिर आम जनता की बात ही कहा आयेगी।
लगे हुए हैं सब सोशल मीडिया पर, और ये दुनिया का, हमारे अपने देश का, समाज का, किसी परिवार का और कितनों के तो दिलों का भी “जी का जंजाल” बन गया है। तो सोशल मीडिया का यूज़ सोच समझ कर करें। कोई आपत्तिजनक फ़ोटो या वीडियो हो तो तुरंत रिपोर्ट करें। Facebook ऐसी किसी भी चीज़ और यूज़र को हटा सकता है जो किसी भी तरह के घमासान के लिए ज़िम्मेदार हो। सिक्यूरिटी मेजर्स को ध्यान में रखे।
- - Advertisement - -