ट्रम्प के विरोध में सड़कों पर उतरीं हजारों महिलाएं
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वॉशिंगटन। डोनाल्ड ट्रम्प अभी व्हाइट हाउस में प्रवेश ही किए थे कि विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। अमेरिकी इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि शपथ ग्रहण के दूसरे दिन ही किसी राष्ट्रपति को विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा हो। वाशिंगटन की गलियों में जहां नए राष्ट्रपति के अभिनंदन में जश्न का माहौल होना चाहिए था वहां के हालात पूरी तरह बदले हुए हैं। लोग सड़कों पर तो हैं लेकिन जश्न के लिए नहीं बल्कि ट्रम्प के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बनने के लिए।
इस विरोध प्रदर्शन की सबसे बड़ी बात इसमें बड़ी तादाद में महिलाओं ने ट्रम्प के ख़िलाफ़ मोर्चा संभाल रखा है। शपथ ग्रहण के अगले ही दिन जिस तरह से वॉशिंगटन की सड़कों पर हजारों महिलाओं ने नई सरकार की नीतियों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है, इससे यह तय हो गया है कि ट्रम्प की राह आसान नहीं है।
इस विरोध प्रदर्शन में भारतवंशी अमेरिकी सांसद एमी बेरा, डेमोक्रेट्स के पूर्व विदेश मंत्री समेत कई नेता शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों के पोस्टर्स पर लिखा था, ”वुमन राइट्स आखिरकार ह्यूमन राइट्स है, ट्रम्प, पुतिन के हाथों का खिलौना है।” यह अनुमान व्यक्त किया जा रहा है कि वॉशिंगटन मार्च में करीब 10 लाख लोग शामिल हुए हैं। ट्रम्प के ख़िलाफ़ वॉशिंगटन रैली को सिर्फ़ एक बानगी के तौर पर देखा जा रहा है, वुमन अवेयरनेस को लेकर इस तरह की कई रैलियां लंदन, सिडनी और टोक्यो में भी आयोजित करने का प्लान है।
डेमोक्रेट सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने ट्वीट कर कहा, ”महिलाओं को इस तरह का मार्च निकालने के लिए बधाई देता हूं। महिलाओं के अधिकारों की इस लड़ाई को हम काफी आगे तक ले जाएंगे।” सैंडर्स ने रैली को ट्रम्प के ख़िलाफ़ पहला प्रोटेस्ट करार दिया। इस प्रदर्शन में ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन में विदेश मंत्री रहे जॉन कैरी और भारतवंशी सांसद एमी बेरा भी शामिल हुईं। महिलाओं के इस प्रदर्शन को ट्रम्प के ख़िलाफ़ सबसे बड़ा प्रदर्शन कहा जा रहा है। प्रदर्शन के दौरान प्रशासन की तरफ़ से वॉशिंगटन में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया और ऑफिसर लॉ एंड ऑर्डर को काबू करने में लगे रहे।
प्रदर्शन में शामिल ज्यादातर महिलाएं पिंक हैट पहने हुए थीं। प्रदर्शन में शामिल होने को लेकर लोगों में होड़ मची हुई थी। वॉशिंगटन में ट्रेन, बस और कारों से कई लोग पहुंचे साथ ही मेट्रो रेल में टिकट लेने के लिए लंबी कतारें लगी थी। आयोजकों का कहना है कि इसके ज़रिए महिलाओं के अधिकारों को रेखांकित किया गया है जो उनकी नज़र में डोनल्ड ट्रंप के अमरीकी राष्ट्रपति बनने के बाद ख़तरे में पड़ गए हैं।
एक्ट्रेस अमेरिका फरेरा ने कहा,”ये मार्च देश का मॉरल दिखाता है। हमने अपने नए राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ जंग छेड़ दी है। हमारे अस्तित्व, चरित्र और अधिकारों पर हमला हो रहा है। एक नफरत का माहौल बनाया जा रहा है। हम बताना चाहते हैं कि प्रेसीडेंट नहीं, बल्कि हम अमेरिका हैं। इसलिए हम यहां जुटे हैं।”
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