Saturday, July 29th, 2017
Flash

सेनिटरी नैपकीन का क्या करेंगे पीएम मोदी और जेटली?




Social

jatly modi

जबसे जीएसटी लागू हुआ है उससे भी पहले से जीएसटी को लेकर देशभर में बवाल हो रहा था। सबसे पहला बवाल तो बीजेपी पार्टी ने और पीएम मोदी ने खुद ने किया था। जब वे विपक्ष में थे तब वे ही इसके विरूद्ध थे लेकिन अब केंद्र में उनकी सरकार बनी तो पार्टी को को ये सबसे स्ट्रॉन्ग बनाने वाला हथियार बना गया।

जीएसटी लागू होने से पहले कई व्यापारियों को आपने हड़ताल करते देखा होगा। कुछ दिनों के लिए ते मध्यप्रदेश में दूध और सब्जियों की ब्रिकी पर भी रोक लगा दी गई थी। इससे एक तरफ जहां व्यापारी परेशान हैं वहीं महिलाएं भी जीएसटी के सपोर्ट में नज़र नहीं आ रही हैं। हाल ही में कुछ महिलाओं ने पीएम मोदी के घर सेनिटरी नैपकीन भिजवाई है।

पहले लगता था 5 पर्सेन्ट टैक्स
सरकार के जीएसटी लागू करने के बाद सैनिटरी नैपकीन पर 12 प्रतिशत टैक्स लगाए जाने से देशभर की महिलाएं विरोध कर रही हैं। वहीं इसके खिलाफ तमिलनाडू के कोयम्बटूर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक यूथ रेवोल्यूशनरी मूवमेंट छेड़ दिया है। विरोध जताने का एक नया तरीका अपनाते हुए इन कार्यकर्ताओं ने न केवल केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के घर सैनेटरी नैपकिन्स भिजवा दिए। बता दें कि 30 जून को देश में जीएसटी लागू करने के बाद सैनेटरी नैपकिन्स पर 12 प्रतिशत टैक्स दिया जाएगा जो कि पहले पांच प्रतिशत टैक्स दिया जाता था।

याचिका में भी मांगा गया था जवाब
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट में 12 प्रतिशत टैक्स को लेकर एक याचिका दी गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से इस पर जवाब मांगा था। यह याचिका जेएनयू की एक पीएचडी स्कॉलर ज़रमीना इसरार खान ने डाली थी। याचिका में कहा गया था कि सैनेटरी नैपकिन्स पर इतना टैक्स लगाकर महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है और यह गैरकानूनी व्यवहार है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरी शंकर की बेंच ने सरकार से इस मामले को 15 नवंबर तक सुलझाने के लिए कहा है। याचिकाकर्ती खान के वकील अमिल जॉर्ज ने कोर्ट में कहा था कि सैनेटरी नैपकिन्स महिलाओं के सम्मान और आजादी के लिए बहुत जरूरी है। इनसे महिलाओं की सेहत भी जुड़ी है।

बीजेपी शासित राज्यों में विरोध
इस याचिका में कहा गया है कि नैपकिन्स पर या तो कोई टैक्स न लिया जाए या फिर इसे कम किया जाए। जीएसटी लागू होने के बाद मैकअप, प्लास्टिक, कांच की चूड़ियां, धार्मिक चीजों में इस्तेमाल की जानी वाली चीजों के साथ-साथ कई सामान महंगे हुए है। बता दें कि जीएसटी का कई व्यापारी विरोध कर रहे है। बीजेपी) शासित राज्य गुजरात में केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा लगाए गए जीएसटी का विरोध हो रहा है। विरोध प्रदर्शनों के अलावा अन्य रचनात्मक तरीकों से भी व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं। कपड़ा व्यापारियों ने जीएसटी के विरोध में एक काव्य सम्मेलन का आयोजन किया था।

दरअसल इस मुद्दे पर विरोध काफी पहले से जताया जा रहा है। जब इस बात का खुलासा हुआ था उसी समय से बॉलीवुड की कई सेलिब्रिटियों ने इस पर कैंपेन चलाए लेकिन कुछ नहीं हुआ। हालांकि अब जीएसटी लागू हो चुका है और सेनिटरी नैपकीन महंगे हो चुका है। अब आगे ये देखना है कि पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेटली सेनिटरी नैपकीन को लेकर क्या करते हैं? क्या वे महिलाओं की आवाज सुनेंगे और सैनिटरी नैपकीन पर जीएसटी कम करेंगे?

Sponsored



Follow Us

Young Blogger

Dont miss

Loading…

Subscribe

यूथ से जुड़ी इंट्रेस्टिंग ख़बरें पाने के लिए सब्सक्राइब करें

Subscribe

Categories