20 साल के युवा ने बनाया सोलर मोबाईल चार्जर, मिली शरणार्थियों को राहत
ग्रीस में कैंपों में फंसे शरणार्थियों के लिए उनका स्मार्टफोन उनके लिए बहुत महत्व रखता हैं। लेकिन स्मार्टफोन चलाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत बिजली की होती है जो उनके कैंपों में उपलब्ध नहीं है। बिजली ना होने के कारण ये लोग अपने रिश्तेदारों से और जानकारों से संपर्क कर पाने में अक्षम हो जाते है। इनकी इसी समस्या को हल किया है एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के एक 20 साल के स्टूडेंट ने। इस यूनानी छात्र ने एक ऐसा चार्जिंग स्टेशन बनाया है जो सूरज की रोशनी से पावर्ड होगा।
20 साल के इस यूनानी छात्र का नाम एलेक्सन्द्रोस है। इन्होने कैंप में दो यूनिट्स लगाई है। हर यूनिट में सूर्य से बिजली पैदा करने के लिए 12 प्लग लगाए गए है और इस तरह हर यूनिट से 240 शरणार्थियों को बिजली मिल रही है। 20 साल के फाउंडर को ये आइडिया तब आया जब वे पिछली गर्मियों में समोस के आइलैंड में गए जहां पर लोग युद्ध और गरीबी का दंश झेल रहे है। वे अपने परिवार से बात करना चाहते थे, उन्हे बताना चाहते थे कि वे सुरक्षित है पर बिजली की समस्या के कारण नहीं बता पाते थे।
एलेक्सन्द्रोस ने बताया है कि ग्रीस में नौकरशाही है इसलिए यहां कुछ भी नया करना काफी मुश्किल होता हैं। प्रोजेक्ट एल्पीस की पहली दो यूनिट ग्रीक कंपनी इनटेक की मदद से बनाई गई। ग्रीक में एल्पींस का मतलब उम्मीद है और ग्रीस के लोगों को ये उम्मीद एलेक्सन्द्रोस ने दिखाई है।