बिजनेस में सफलता पाना इतना आसान काम नहीं हैं पर अगर आपके सामने कोई लाईव उदाहरण होता है तो शायद आप जल्दी सीख जाते हो। आपको यहा पर कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में बताने जा रहे है जिनसे आप बिजनेस के कई गुण सीख सकते हो। क्योंकि इंसान जितनी जल्दी दूसरों की गलती से सीखता है वह उतनी ही जल्दी आगे बढ़ता है। फिल्मों से काफी लोग प्रेरित होते हैं और खुद को फिल्म के किरदारों से जोड़ पाते हैं। अगर आप भी बिजनेस शुरू करना चाहते है तो यह फिल्में जरूर देखें। यह फिल्में आपके बेहद काम आ सकती हैं।
1.पाइरेट्स ऑफ सिलिकॉन वैली – यह स्टीव जॉब्स और बिलगेट्स के बारे में बताई गई है। यह एक डॉक्यूमेंट्री हैं जिसे 1990 में रिलीज किया गया था। यह डॉक्यूमेंट्री टेक्नोलॉजी की शुरूआत दिनों के बारे हैं। इस फिल्म में आप स्टीव और बिल गेट््स को करीब से जान पाएंगे। यह इन दोनों के संघर्ष की कहानी को बया करती है। जो लोग अपना बिजनेस शुरू करना चाहते है यह फिल्म उनको जरूर मोटिवेट करेगी।
2. कॉरपोरेट – यह फिल्म दो कंपनीयों के बीच के जंग के बारे में बताया गया है। जो अधिक प्रोफिट बढ़ाने के लिए कई गलत कदम उठाते है। फिल्म में बिजनेस की खराब पहलुओं, राजनीति, और टॉप रहने के लिए पावर गेम से रूबरू कराया गया है। इससे एंत्रोप्रेन्योर को बिजनेस के खराब पहलुओं के बारे में पता चलेगा कि कॉरपोरेट वर्ल्ड में क्या हो सकता है। कॉरपोरेट वर्ल्ड में कितना नैतिक और ईमानदार रहना जरूरी हैं।
3.द सोशल नेटवर्क – यह फिल्म फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग की कहानी के ऊपर आधारित है। यह फिल्म 2010 में रिलीज की गई थी। इस फिल्म में आप देखोगे की कैसे एक कंपनी छोटे से कमरे से शुरू की जाती है और संघर्ष के बाद कामयाब होती है। यह फिल्म शुरू से आखरी तक जुकरबर्ग की कहानी को बयां करेंगी। इस फिल्म में मार्क के विज़न, एकाग्रता को बताया गया है। यह फिल्म आपको निश्चित ही मोटीवेट करेगी।
4. गुरू – यह फिल्म धीरूभाई अंबानी के वक्त और जीवन पर आधारित फिल्म है। इस फिल्म को देखकर पता चलता है कि देश की आजादी के बाद से अब तक माहौल कितना बदल चुका है। यह फिल्म एक एंत्रोप्रेन्योर की महत्वकांशा और सफलता के बारे में बताई गई है। अंत्रोप्रोन्योर के तौर पर गुरू सपनों में विश्वास रखने के लिए प्रोत्साहित करता है।
5.रॉकेट सिंह – यह फिल्म एक अंत्रोप्रोन्यरशिप पर आधारित है। इस मूवी में यह अहम सीख है कि अगर आप पढ़ाई में अच्छे नहीं हो तो क्या हुआ उसके बिना भी सफलता मिल सकती है। यह फिल्म रिस्क टेकिंग, टीम मैनेजमेंट और कस्टमर्स के प्रति कमिटमेंट को सिखाती है।