15 अगस्त 2017 को देश की आजादी के 70 साल हो जाएंगे। भारत अग्रेंजो की गुलामी से आजाद हो गया, जो बहुत बड़े जश्न की बात है जिसे हम हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं ‘आजाद भारत’। इस दौरान भारत ने कई मुकाम हासिल किए है, कई उपलब्धियां हासिल की है, कई ऐसे मौके आए है जब देश का सिर गर्व से उठ गया, देखते ही देखते भारत को आजाद हुए 70 साल हो जाएंगे, आज देश कितना बदल गया, देश की सूरत, दशा सब कुछ कितना बदल गया, कितना आगे बढ़ गए है, टेक्नोलॉजी से लेकर हर तरह का विकास। लेकिन देश में अभी भी कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर बहुत ज्यादा सुधार की जरूरत हैं। जो देश के सामने बड़ी चुनौती के रूप में है, जिसे लेकर देश के युवाओं में भी बहुत गुस्सा है। देश के 70 साल के आजादी के जश्न पर Youthens News टीम द्वारा युवाओं से पूछा गया जिसमें देश के युवाओं ने बताया कि अगर वे प्रधानमंत्री बनते या उन्हें पीएम बनने का मौका मिलता तो वे देश में व्याप्त बड़ी समस्याओं से निपटते जैसे शिक्षा, भ्रष्टाचार, गरीबी आदि।
एजुकेशन सिस्टम में बदलाव को लेकर हरिद्वार के विमल कुमार ने बताया कि गर्वनमेंट को एजुकेशन के सिस्टम में बदलाव लाना चाहिए, प्राइवेट ऐजुकशन सिस्टम को खत्म करने की जरूरत है। प्राइवेट की सारी सुविधाओं को गर्वनमेंट में लेकर आओं, ऑटोमेटिक गर्वनमेंट में लोग आएगें और भ्रष्टाचार खत्म होगा। श्रेयस कुमार ने बताया कि, ‘‘ऐजुकेशन सभी समस्याओं का हल है।’’ श्रेयस कुलकर्णी ने बताया कि, ‘अगर देश को इम्प्रूव करना चाहते हो तो ऐजुकेशन सिस्टम को इम्प्रूव करों। सिलेबस को चेंज करों उसे प्रैक्टिकल बनाने की कोशिश करना चाहिए।’’
भ्रष्टाचार देश की सबसे बड़ी समस्या –
हिसार से विनोद सरसना का कहना है कि, ‘‘गर्वनमेंट जॉब में अशिक्षित लोगों को जॉब मिल गई है, मोदी शासन के पहले उन्हें सभी एम्प्लोयज़ का दोबारा इंटरव्यू किया जाए और सभी को योग्यता के दम पर जॉब पर रखा जाए। बाकी सभी को हटा दिया जाए, ऐसे वैकेंसी भी बढ़ेगी और भ्रष्टाचार भी खत्म होगा।”
गरीबी देश का अहम मुद्दा
पटना से लक्की राज बताते है कि, ‘‘गरीबों की लिस्ट बनाओं, सारे अमीर लोगों की मीटिंग बुलाओं उस मीटिंग में गरीबों पर चर्चा करों नोटिस निकालों, उनकी जरूरतों के अनुसार उन सभी से उतना पर्सेंट दान लो। उन पैसों से गरीब के बच्चों को पढ़ाओं ताकि वह बच्चे बड़े होकर उनकी गरीबी को दूर कर सकें।’’ वहीं इलाहाबाद से अमित श्रीवास्तव बताते है कि, ‘‘गर्वनमेंट के पास जो टैक्स आता हैं, उसमें से केवल 5 प्रिंतशत ही गरीबों के विकास के लिए उन्हें दे कम से कम।
दहेज प्रताड़ना
पटना से लक्की राज का कहना है कि, ‘‘दहेज जैसे सिस्टम को बंद करों। सरकार का साथ हैं, पुलिस का साथ हैं, एक्शन लो और सबको सबक सिखाओं सारे देश के लोग एकजुट हो कर कहो कि दहेज एक पाप की तरह है।’’
नोटबंदी
इंदौर से शालिनी गुप्ता ने बताया कि, ‘‘नोटबंदी का प्रभाव मिसिंग है। मध्यप्रदेश में विकास बहुत कम हो रहा है। गुजरात जैसा एजुकेशन सिस्टम विकसित करने की जरूरत हैं।
मध्यम वर्गीय लोगों की समस्याएं
इंदौर से अर्चना बरेथा ने बताया कि, ‘‘अमीर और गरीब के बीच मध्यम वर्गीय लोग जूझ रहें है उनका क्या। मध्यम वर्गीय लोगों के लिए एक्सक्लुसिव सुविधाएं लाई जाए।’’
ससंद की सुविधाएं आर्मी को मिले
रामकोला से दीपु शर्मा ने कहा कि, ‘‘संसद में जो भी सस्ती सुविधाएं मिलती है उन सभी को बंद कर के फौजियों के लिए यह सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए, वो यह डिर्ज़व करते हैं। फौजियों के लिए सुधार लाओं सिस्टम में।’’
महिलाओं की आजादी और कड़ी कानून व्यसवस्था
रायपुर से सुरेंद्र कुमार ने बताया कि, ‘‘कानून व्यवस्था सबके लिए समान करों। कोई भी क्षेत्र हा,े शहर हो फर्क नहीं पड़ता ज़ुर्म-ज़ुर्म होता हैं कहीं की भी पुलिस तुरंत कारवाई कर सके ऐसा सिस्टम बनाओं।’’
किसान के लिए कुछ करों
मुज्ज़फरनगर से ओमप्रकाश कुमार ने बताया कि, ‘‘देश में किसानों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए। उनकी फसलों को जो नुकसान हो रहा है, उसके लिए कड़े कदम उठाए, ताकि किसान आत्महत्या करने को मजबूर ना हो। लोन की व्यवस्था को थोड़ा सरल किया जाएं।’’
सीबीआई को स्वतंत्र करें
इंदौर से निखिलेश बरोरे ने बताया कि, ‘‘नियमों और कानून को सब हल्के में लेते है। सुप्रीम कोर्ट और सीबीआई को स्वतंत्र करों जिससे घोटाले कम हो जाए।’’
क्राईम
प्रिया खुशवाह ने बताया कि, ‘‘क्राईम और सुरक्षा को और भी मजबूत करने की जरूरत हैं, खासकर लड़कियों के लिए। क्योंकि आज जिस तरीके से यह बढ़ रहा है सरकार को उस पर कड़ा कदम उठाने की जरूरत है।