अब देश के हर राज्य, हर शहर , हर गांव में स्वच्छता की लहर दिखाई दे रही है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब देश में एक नई क्रंाति आई है। गांव में हर जगह शौचालय बनाने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं अब ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार पुरस्कार भी देगी।
आपको जानकर हैरत होगी कि अब तक देश के पांच राज्यों 160 जिलों और 2 लाख 104 गांवों में करीब 4.54 करोड़ से ज्यादा घरेलू शौचालय बनकर तैयार हो चुके हैं। भारतीय गुणवत्ता परिषद ने देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ग्रामीण स्वच्छता की वर्तमान स्थिति का एक ट्रांसपैरेंट एनालिसिस किया है। , जिसका नाम स्वच्छ ग्रामीण सर्वेक्षण 2017 है।
इस सर्वे के तहत परिषद ने 4626 गांवों में 14 लाख ग्रामीण घरों का सर्वे किया। इस दौरान 62.45 प्रतिशत को शौचालय युक्त पाया गया। सर्वे में ये भी पाया गया कि अब 91 प्रतिशत लोगों की पहुंच शौचालयों तक है और लोग इसका उपयोग करते हैं। केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर ने कहा है कि पहली तिमाही में एसबीएमजी, आईएमआईएस पर उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर देश के सभी जिलों की रैंकिंग आरंभ करेगा।
यह रैंकिंग प्रदर्शन, स्थायित्व और पारदॢशता के पैमानों पर आधारित होगी और जुलाई से सितम्बर तक की पहली रैंकिंग की घोषणा 2 अक्तूबर को होगी। जिला स्तर पर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करने के लिए पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 12 अगस्त को पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय 5 राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के लिए 24 गंगा ग्रामों की घोषणा करेगा, जिन्हें आदर्श गंगा ग्राम बनाया जाएगा।