आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आज विकास का एक हिस्सा बनता नज़र आ रहा है, जिसे कोई भी नकार नहीं सकता। लेकिन यह इंटेलीजेंस इंसानों पर इस तरह हावी हो जाएगी सोचा नहीं था। इंसानों द्वारा बनाए गए रोबोट्स के बाद रोबोटिक्स विशेषज्ञों ने संयुक्त राष्ट्र से अपील कर रहे है कि किलर रोबोट्स के बनाने पर रोक लगाई जाए। क्योंकि यह इंसानी सोच से भी तेज होगा।
आतंकवादियों के लिए सबसे बड़ा सोर्स
116 विशेषज्ञों ने हथियारों के तौर पर एआई के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। विशेषज्ञों का कहना है, ’’एक बार यह रोबोट विकसित हो गया उसके बाद बड़े स्तर पर सशस्त्र युद्ध हो सकता है जो अब तक नहीं हुआ। और ये इंसानी सोच से भी तेज होंगे। ये आतंकवादियों के हथियार हो सकते हैं। आतंकी इनका इस्तेमाल मासूमों को मारने के लिए कर सकते हैं। इन्हें हैक करके बेहद बुरी स्थिति लाई जा सकती हैं’’
तकनीकि विशेषज्ञों ने कहा है कि, ‘‘इस पर जल्दी कदम उठाना चाहिए, अगर एक बार यह जालिम बक्सा खुल गया तो फिर इसे बंद करना मुश्किल होगा।’’
चेतावनी
विशेषज्ञों का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र की हथियारों की प्रतिबंधित सूची में इसे शामिल किया जाए। मांग करने वालों में टेस्ला के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी मस्क के अलावा गूगल के सह-संस्थापक मुस्तफ़ा सुलेमान भी शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र समूह की बैठक सोमवार को होनी थी लेकिन अब इसे नवंबर तक टाल दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र समितियों की बैठक में पहले भी किलर रोबोट बनाने पर प्रतिबंध लगाने को लेकर चर्चाएं हुई हैं। 2015 में एक हजार तकनीकी विशेषज्ञों वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने पत्र लिखकर ऐसे हथियारों को लेकर चेतावनी दी थी। पत्र पर हस्तक्षार करने वाले लोगों में वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग, एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव वॉज़निएक और मस्क भी शामिल थे।
जानिए क्या है किलर रोबोट
किलर रोबोट एक ऐसा हथियार है जो टारगेट को ख़ुद ब ख़ुद निशाने पर लेकर ख़त्म कर सकता है। अभी तक ये वज़ूद में नहीं आए हैं लेकिन तकनीकी विकास से ये हक़ीक़त के करीब आ रहे है। जो लोग इन हथियारों का विरोध कर रहे हैं उनका मानना है कि ये इंसानियत के लिए ख़तरा हैं और इन पर रोक लगनी चाहिए।