बाबरी केस : आडवाणी, उमा और जोशी सहित 12 को फिलहाल राहत
अयोध्या में विवादास्पद बाबरी ढांचा गिराए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत सभी 12 आरोपियों को मंगलवार को जमानत मिल गई। विशेष CBI अदालत ने इन आरोपियों को 20 हजार रु. के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। आरोपियों ने डिस्चार्ज ऐप्लिकेशन देकर अपने खिलाफ चार्ज खारिज करने की मांग की है, उनका यह कहना है कि ढांचा गिराए जाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है।उनकी यह मांग कोर्ट ने खारिज कर दी। इसका मतलब यह है कि इनके खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे और साजिश की उचित धारा भी जोड़ी जाएगी।
एक दिन बाद अयोध्या जाकर श्रीराम जी के दर्शन करेंगे योगी
इससे पहले, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के VVIP गेस्ट हाउस जाकर अाडवाणी और अन्य BJP नेताओं से मुलाकात की। योगी ने यह मुलाकात ऐसे वक्त में की, जब वे एक दिन बाद अयोध्या जाकर श्रीराम जी के दर्शन करेंगे। दशकों बाद ऐसा करने वाले वे पहले सीएम होंगे। माना जा रहा है कि योगी आने वाले वक्त में अयोध्या से चुनाव भी लड़ सकते हैं। वहीं, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी इन BJP नेताओं से मिलने गेस्ट हाउस पहुंचे। कोर्ट की कार्रवाई 11 बजे शुरू होने वाली थी, लेकिन इसमें देरी हो गई। कोर्ट परिसर में सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए थे। संबंधित पक्षों को छोड़कर किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी। मीडियावालों को भी कोर्ट परिसर से बाहर से ही रिर्पोटिंग की इजाजत थी।
यह आपराधिक साजिश नहीं, आंदोलन था – उमा
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कोर्ट के फैसले के पहले यह दोहराया था कि यह साजिश नहीं, आंदोलन था। वहीं, रामविलास वेदांती ने माना कि उन्होंने ही विवादित ढांचा गिराया है और उन्हें इस बात का कोई पछतावा नहीं है। वेदांती ने दावा किया कि पूरा देश राम मंदिर निर्माण चाहता है। ज्ञात रहे कि यह स्पेशल कोर्ट अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को निर्देश दिया था कि आडवाणी (89) जोशी (83) और उमा (58) समेत सभी आरोपियों पर बाबरी ढांचा ढहाए जाने के मामले में आपराधिक साजिश का मुकदमा चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई रोजाना करने और 2 साल में सुनवाई खत्म करने का निर्देश दिया है।
सभी आरोप राजनीतिक – BJP
सभी विपक्षी पार्टिंयां इस मामले को लेकर BJP पर दबाव बनाने की तैयारी में हैं। उमा, कल्याण सिंह जैसे नेताओं से पद छोड़ने की मांग की जा सकती है। हालांकि, BJP ने भी अपनी रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया व कहा कि सभी आरोप राजनीतिक हैं। वहीं, उमा भारती पूरे मामले को आंदोलन करार देते हुए कह चुकी हैं कि अगर राम मंदिर निर्माण के लिए उन्हें जेल भी जाना पड़े तो वे तैयार हैं।
इससे पहले, SBI के स्पेशल जज एस. के. यादव ने पिछली सुनवाई पर सीनियर BJP नेताओं के अलावा विनय कटियार, विहिप नेता विष्णु हरि डालमिया और साध्वी ऋतंभरा से भी अदालत में व्यक्तिगत रुप से पेश होने को कहा था। अदालत ने कहा था कि अब छूट या सुनवाई स्थगित करने का कोई आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
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