बौखलाया पाक- भारतीय फ़िल्मों पर बैन के लिए की याचिका दायर
लौहर। उरी में हुए आत्मघाती आतंकी हमले का असर अब बॉलीवुड पर भी पड़ गया है। जी हां पहले जहां इंडिया ने एंटरटेनमेंट के प्रमुख चैनल जी टीवी ने भी पाक के विरोध करते हुए जिंदगी चैनल पर प्रसारित होने वाले पाक सीरियलों को बंद करने का मन बना लिया। वहीं अब पाकिस्तान के लाहौर हाई कोर्ट में शनिवार को एक याचिका दायर की गई। याचिका में कहा गया है कि कश्मीर मुद्दे का समाधान होने तक पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक लगाई जाए।बता दें कि याचिका दायर करने वाले ऐडवोकेट अजहर सादिक का दावा है कि इंडियन फौज कश्मीर में कथित तौर पर जुल्म ढा रही है और पाकिस्तान में इंडियन फिल्मों के प्रदर्शन की इजाजत देने से न केवल कश्मीरियों की बल्कि पाकिस्तानी आवाम की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है।
इसमें कहा गया है कि इंडियन फिल्में पाक की कश्मीर नीति का विरोध कर रहे हैं और कश्मीरियों की आजादी के आंदोलन में एक बड़ी बाधा कर रहे हैं। अजहर सादिक की याचिका में मांग की गई है कि कश्मीरियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए पाकिस्तानी हुकूमत को इंडियन फिल्मों पर फौरन बैन लगाने का आदेश दिया जाए। बता दें कि इसके अलावा याचिकाकर्ता ने आरोप लगया है कि भारत सरकार और अन्य उग्रवादी संगठनों पाकिस्तानी स्टार्स को धमकी दे रहे हैं उरी हमले के बाद भारत छोड़ने के लिए। इसलिए पाक सरकार ने एक फर्म तरीके से भारत का जवाब और अपनी फिल्मों पर बैन लगाने चाहिए।
गौरतलब है कि जीटीवी के प्रमुख डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने जी ग्रुप ज़िन्दगी चैनल पर प्रसारित होने वाले पाकिस्तानी सीरियलों को बंद करने का मन बना लिया है। इस बात की जानकारी किसी और ने नहीं बल्कि ख़ुद सुभाष चंद्रा ने दी हैं। चंद्रा ने ट्वीट कर कहा कि ”यूएन में मियां शरीफ का दुर्भाग्यपूर्ण रवैया। ज़ी अपने चैनल ज़िन्दगी पर आने वाले पाकिस्तानी कार्यक्रमों को बंद करने का विचार कर रहा है।” साथ ही चंद्रा पाक कलाकारों के भारत छोड़ने के भी पक्ष में है। बता दें कि महज दो दिन पहले ही राज ठाकरे अपनी पार्टी मनसे के साथ मिलकर पाकिस्तानी कलाकारों को देश छोड़ने की धमकी दे चुके हैं।
इसके अलावा अगले साल इंडिपेंडेंस डे के मौके रिलीज़ होने वाली फिल्म ‘रईस’ पर भी खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि इस फिल्म में पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिरा ख़ान लीड रोल में हैं। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी कलाकार हमजा अली अब्बासी ने विवादित बयान देकर इस मामले को हवा देने का काम कर दिया है। अब्बासी ने कहा है कि ”वे 17 भारतीय शहीदों के लिए तब दुख मनाएंगे, जब भारतीय सेना कश्मीर में पिछले दो महीनों में मारे गए 117 आम लोगों के लिए दुख मनाएगी।”