आज वित्तीय बाजार में ICICI प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी चर्चा के केंद्र में है। एक तरफ जहां निवेशक कंपनी के आईपीओ अलॉटमेंट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कंपनी की पुरानी और विश्वसनीय म्यूचुअल फंड योजनाओं, विशेषकर ‘वैल्यू डिस्कवरी फंड’ के प्रदर्शन के आंकड़े भी सामने आए हैं। 17 दिसंबर, 2025 की तारीख कंपनी और इसके निवेशकों दोनों के लिए काफी अहम साबित हो रही है।
आईपीओ अलॉटमेंट और बाजार का रुख
निवेशकों के लिए आज का दिन काफी गहमागहमी भरा है क्योंकि ICICI प्रूडेंशियल एएमसी के आईपीओ के शेयर आवंटन (अलॉटमेंट) को आज अंतिम रूप दिया जा रहा है। ग्रे मार्केट से मिल रहे संकेत काफी उत्साहजनक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स और investorgain.com के अनुसार, कंपनी के शेयर ग्रे मार्केट में 2,533 रुपये के स्तर पर ट्रेड कर रहे हैं। इसका मतलब है कि यह अपने अपर प्राइस बैंड 2,165 रुपये के मुकाबले लगभग 17% के प्रीमियम पर चल रहा है, जो लिस्टिंग पर अच्छे मुनाफे का संकेत देता है।
जिन निवेशकों ने इस आईपीओ के लिए बोली लगाई थी, वे बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) की वेबसाइटों के अलावा रजिस्ट्रार केफिन टेक्नोलॉजीज (KFin Technologies) के पोर्टल पर अपना स्टेटस चेक कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें बस अपना पैन नंबर या एप्लीकेशन नंबर डालना होगा और इश्यू टाइप में ‘इक्विटी’ चुनकर कंपनी का नाम सेलेक्ट करना होगा।
निवेशकों का जबरदस्त रिस्पॉन्स
इस आईपीओ को बाजार से शानदार प्रतिक्रिया मिली है। आंकड़ों पर नजर डालें तो यह इश्यू कुल मिलाकर 39.17 गुना सब्सक्राइब हुआ है। विशेष रूप से संस्थागत खरीदारों (QIB) ने इसमें भारी दिलचस्पी दिखाई और उनके कोटे को लगभग 123.87 गुना बोली मिली। गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) का हिस्सा 22 गुना और खुदरा निवेशकों (Retail) का हिस्सा ढाई गुना से अधिक भरा है। इस इश्यू को सफल बनाने में सिटीग्रुप, एक्सिस कैपिटल और कोटक महिंद्रा कैपिटल जैसे बड़े बुक-रनिंग लीड मैनेजरों ने भूमिका निभाई है।
कंपनी का नेतृत्व भी काफी मजबूत हाथों में दिखाई देता है। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में संदीप बत्रा (चेयरमैन), निमेश शाह (एमडी और सीईओ) और संकटन नरेन (सीआईओ) जैसे अनुभवी नाम शामिल हैं, जो निवेशकों के भरोसे को और मजबूत करते हैं।
फ्लैगशिप फंड का प्रदर्शन और निवेश रणनीति
आईपीओ की हलचल के बीच, ICICI प्रूडेंशियल का ‘वैल्यू डिस्कवरी फंड’ अपनी लंबी अवधि की वेल्थ क्रिएशन क्षमता के कारण ध्यान आकर्षित कर रहा है। यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है जिसे अगस्त 2004 में लॉन्च किया गया था। 30 नवंबर, 2025 तक इस फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 60,390 करोड़ रुपये के विशाल स्तर पर पहुंच गया है, जो निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है।
फंड का प्रदर्शन अपनी श्रेणी में काफी बेहतर रहा है। जहां पिछले तीन सालों में इस श्रेणी का औसत रिटर्न 18.42% रहा, वहीं इस फंड ने 21.12% का रिटर्न दिया है। पांच साल की अवधि में भी इसने 23.75% का रिटर्न देकर अपनी कैटेगरी के 19.42% के औसत को पीछे छोड़ दिया है। लॉन्च के समय से अब तक इसका औसत रिटर्न 20.1% रहा है। 12 दिसंबर, 2025 को इसकी ग्रोथ स्कीम की एनएवी (NAV) 498.08 रुपये दर्ज की गई।
पोर्टफोलियो की संरचना और जोखिम
यह फंड मुख्य रूप से ‘वैल्यू स्टॉक्स’ में निवेश करता है और निफ्टी 500 वैल्यू 50 टोटल रिटर्न इंडेक्स को बेंचमार्क मानता है। इसके पोर्टफोलियो में लगभग 93.98% हिस्सा इक्विटी में है, जबकि बाकी हिस्सा डेट और कैश में रखा गया है। दिलचस्प बात यह है कि फंड डायवर्सिफिकेशन पर काफी जोर देता है, फिर भी इसकी टॉप 10 होल्डिंग्स में कुल एसेट्स का करीब 53% हिस्सा निवेशित है।
निवेशकों को ध्यान देना चाहिए कि इस फंड का एक्सपेंस रेशियो 1.48% है। अगर आप निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं, तो न्यूनतम 1000 रुपये से शुरुआत कर सकते हैं और एसआईपी के लिए यह राशि महज 100 रुपये है। हालांकि, तरलता के लिहाज से इसमें एक शर्त है; यदि आप निवेश के 12 महीनों के भीतर पैसा निकालते हैं, तो आपको 1% का एग्जिट लोड देना होगा।
टैक्सेशन के नियम
मुनाफे पर कर की गणना मौजूदा नियमों के अनुसार ही होगी। यदि आप एक साल से पहले अपनी यूनिट्स बेचते हैं, तो 15% का शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। वहीं, एक साल से अधिक समय तक निवेश बनाए रखने पर 1 लाख रुपये तक का मुनाफा टैक्स-फ्री है, लेकिन इससे ऊपर की कमाई पर 10% लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। लाभांश (डिविडेंड) से होने वाली आय निवेशक की कुल आय में जोड़ी जाएगी और स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा।