2030 तक भारत में बुजुर्ग महिलाओं के दिन होंगे और भी खराब
कुछ दिनों पहले हुए एक सर्वे के दौरान ये बात सामने आई कि बुजुर्ग लोगों की स्थिति भारत में बहुत खराब है। यहां जक की भारत बुजुर्गों से दुव्यवहार करने के मामले में सबसे आगे है। और अब संयुक्त राष्ट जनसंख्या कोष्ठ की जारी हुई रिपोर्ट में जो बात सामने आई है, उससे ये बात और भी पक्की हो जाती है कि बुजुर्गों से अच्छा व्यवहार करने के मामले में भारत वाकई की स्थिति बहुत खराब है।
दरअसल, रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2030 तक देश की कुल आबादी में 60 वर्ष के बुजुर्गों की संख्या 12.5 प्रतिशत हो जाएगी। इतना ही नहीं बल्कि पुरूषों के मुकाबले महिला बुजुर्गों की स्थिति ज्यादा खराब होगी। सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्री मंत्री भावर चंद गहलोत की मौजूदगी में केयरिंग एल्डर्स शीर्षक के नाम से जारी इस रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं की उम्र लंबी होने के कारण पुरूषों की तुलना में उन्हें समाज से और अपने ही लोगों से आर्थिक और सामाजिक संकटों के दौर से गुजरना पड़ता है।
पति के मौक के बाद आता है ऐसा दौर
वैसे ये बात सौ प्रतिशत सच है कि जब तक पति जीवित होता है बुजुर्ग महिला का आदर सम्मान होता है, उसकी मौत के बाद महिला की कद्र नहीं होती। समाजशास्त्री डॉ.मंजुल तलेगांवकर का कहना है कि आज हमारे समाज में पति है तो पत्नी का सम्मान है और पति नहीं तो महिला अबला और बेसहारा हो जाता है। समाज ही नहीं बल्कि घरवाले भी उसके साथ दुव्र्यव्हार करते हैं। इस दौरान 85 प्रतिशत महिलाएं घरेलू हिंसा, उत्पीडऩ आदि का शिकार होती हैं। यही वजह है कि आज वृद्धाश्रम में पहने वाले बुजुर्ग पुरूषों की तुलना में महिलाओं की संख्या ज्यादा है।
आर्थिक सुरक्षा सबसे बड़ा कारण
रिपोर्ट के अनुसार बुजुर्ग महिला को पति के मौत के बाद आर्थिक सुरक्षा के कारण कई संकटों से जूझना पड़ता है। एक सर्वे के अनुसार इसी असुरक्षा के कारण ऐसी 10 फीसदी महिलाएं अकेले रहने को मजबूर हैं। रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक बुजुर्गों की संख्या 20 प्रतिशत हो जाएगा।
नीतियां बनाने की जरूरत
रिपोर्ट में बुजुर्गों की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं और उनके कारणों का उल्लेख करते हुए इसे दूर करने के लिए सरकार और नागरिक संगठनों से प्रभावी नीतियां बनाने का अनुरोध किया गया है। साथ ही उम्र के साथ आने वाली बीमारियों से जूझ रहे बुजुर्गों की मदद के लिए राष्ट्रीय वयोश्री योजना भी शुरू की जाएगी।
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