नहीं रहे अमेरिका से टक्कर लेने वाले क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल
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हवाना। अमेरिका से टक्कर लेने वाले क्यूबा के क्रांतिकारी नेता और पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो नहीं रहे। फिदेल का 90 साल की उम्र में शनिवार को निधन हो गया। स्थानीय टेलीविजन और एजेंसियों ने उनके भाई राउल कास्त्रो के हवाले से फिदेल के निधन की सूचना दी है। 13 अगस्त 1926 को जन्मे कास्त्रो क्यूबा की क्रांति के जनक और क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रथम सचिव थे ।
भाई संभाल रहे हैं सत्ता
बीते 10 साल से तबीयत ठीक न होने की वजह से फिदेल सत्ता से दूर थे। उनकी जगह भाई राउल कास्त्रो सत्ता संभाल रहे हैं। फिदेल कास्त्रो क्यूबा क्रांति के बड़े नेता माने जाते हैं। फिदेल साल 1959 से दिसंबर 1976 तक क्यूबा के प्रधानमंत्री रहे थे। इसके बाद वह 1976 से 2008 तक क्यूबा के प्रेसिडेंट भी रहे। फिदेल कास्त्रो क्यूबा की क्रांति के जरिए ही अमेरिका समर्थित फुल्गेंकियो बतिस्ता की तानाशाही को उखाड़ फेंक सत्ता में आए थे और उसके कुछ समय बाद ही क्यूबा के प्रधानमंत्री बने थे।
कौन थे फिदेल कास्त्रो
क्रांति से पहले फिदेल कास्त्रो एक युवा वकील थे, जिन्हें कम लोग जानते थे। उनका जन्म 1926 में क्यूबा के फिदेल अलेजांद्रो कास्त्रो परिवार में हुआ था जो काफ़ी समृद्ध माना जाता था। क्रांति से पहले वह तानाशाह के खिलाफ 1952 के चुनाव में खड़े हुए लेकिन इससे पहले लोग वोट कर पाते, वोटिंग खत्म कर दी गई। जनक्रांति शुरू करने के इरादे से 26 जुलाई को फिदेल कास्त्रो ने अपने 100 साथियों के साथ सैंटियागो डी क्यूबा में सैनिक बैरक पर हमला किया, लेकिन नाकाम रहे। इस हमले के बाद फिदेल कास्त्रो और उनके भाई राउल बच तो गए, लेकिन अन्य लोगों को जेल में डाल दिया गया।
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