आखिर कहां से आया सेल्फी के लिए इतना जुनून
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पहले एक समय ऐसा था जब रील वाले कैमरे से हम कभी-कभार एक दो फोटो खिचवा लिया करते थे। उस समय फोटो खिंचवाने के लिए भी बड़ी मेहनत करना पड़ती थी। चेहरे पर पाउडर लगाकर और कंघी से बाल संवारकर कैमरे के सामने सावधान की मुद्रा में खड़े होना होता था तब जाकर कैमरे वाला आपकी फोटो खीच देता था।
फोटो खिंचवाने के लिए पहले काफी सारे ठठकरम किए जाते थे। लेकिन धीरे-धीरे जमाना बदला और हमारे पास मोबाइल आया जिसमें एक कम क्वालिटी वाला कैमरा होता था। ये क्वालिटी भले ही पांच मेगापिक्सल की ना हो लेकिन उस समय कई लोग इसी मोबाइल पर फोटो खिंचवाते थे और अपने यादगार लम्हों को संभालकर रखते थे।
उस समय इन कैमरों के साथ दिक्कत ये थी कि इसमें फोटो खिंचवाने के लिए किसी और इंसान का होना जरूरी था जो आपकी फोटो खींच सके लेकिन आपको खुद ही आपकी फोटो खींचना हो तो क्या करेंगे। इसी को लेकर किसी का दिमाग चला तो भाई साहब ने पहले तो कीपैड वाले मोबाइल में बीच के बटन पर उंगली रखी और कैमरा मुंह की तरफ करके खुद की फोटो निकाल डाली।
अब तो कमाल हो गया ये तो सेल्फी हो गई, अब तो चाहे जितनी बार उतनी बार खुद को फोटो में निहार सकते थे। लेकिन इसमें भी एक दिक्कत थी कि फोटो खींचते समय खुद को नहीं देख सकते तो मोबाइल कंपनियों ने कैमरा ही आगे लगा दिया। इसके बाद तो सेल्फी इस तरह मैदान में आई कि उसने सब कैमरों और स्टूडियों को पछाड़ दिया।
अब तो ये आलम हो गया है कि लोग फोटोशूट करवाना हो या पासपोर्ट साइज फोटो खिचवाना हो तभी स्टूडियो की चौखट पर जाते है वर्ना तो उनका सेल्फी कैमरा ही काफी है। इस तरह हिंदुस्तान ही नहीं पूरी दुनिया ही सेल्फी की दीवानी हो गई है और दीवानी भी इस कदर हो गई है कि अपनी मौत की परवाह भी नहीं करती।
हाल ही में एक रिपोर्ट में ये चिंता जाहिर हुई है कि भारत में सबसे ज़्यादा मौत सेल्फी की वजह से हुई है। झूठ कहो या सच लेकिन सेल्फी है तो जानलेवा। आज सेल्फी का जुनून इस कदर हमारे दिमाग पर हावी हो गया हैं कि इसके आगे न मौत दिखती है और न ज़िन्दगी। आखिर ऐसा जुनून आ कहां से रहा है।
इस बात को सभी जानते हैं कि खतरनाक सेल्फी का जुनून किस फैक्ट्री की देन है। ये कौन सी फैक्ट्री है जहां इतना खतरनाक जुनून सिर चड़कर बोलता है। इस फैक्ट्री के बारे में बताने से पहले ये बता दें कि यहां पर हम किसी चीज़ को दोषी नहीं ठहरा रहे है। हम उस कारण की बात कर रहे हैं जिसकी वजह से ये हो रहा है।
आमतौर पर कई लोगों का मानना है और इन हादसों के शिकार हुए लोगों का भी कहना है कि खतरनाक सेल्फी लेने की प्रेरणा सोशल मीडिया से ही आती है। सोशल मीडिया पर ज़्यादा से ज़्यादा लाइक और शेयर पाने के चक्कर में लोग इस तरह की खतरनाक सेल्फी और स्टंट करके अपनी जान गंवा बैठते है।
आजकल सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफार्म हो गया है जहां आप कुछ अलग पोस्ट करके जल्दी से जल्दी वायरल हो जाते हैं और सुर्खियों में आ जाते हैं। आजकल किसी भी वीडियो और फोटो का वायरल होना आम बात हो गई है। यहीं वायरल होने और सुर्खियों में आने की चाहत भी इस तरह के खतरनाक स्टंट और फोटोबाजी करने के लिए उकसाती है।
भारत में आए दिन कई मौते सेल्फी के कारण हो रही हैं भारत ही नहीं पूरी दुनिया इसकी शिकार हो रही है। हाल ही में दिल्ली के ट्रेन के ट्रैक पर दो छात्र सेल्फी लेने के लिए खतरनाक स्टंट को अंजाम दे रहे थे और वो ट्रेन की चपेट में आ गए। इनकी मौके पर ही मौत हो गई। जब इसकी पड़ताल हुई तो पता चला कि वह वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए बनाया जा रहा था ताकि वे अपने इस खतरनाक स्टंट को यूट्यूब पर अपलोड करके अपनी पहचान बना ले।
अमरीका की कारनेजी मेलन यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेल्फी की वजह से भारत में सबसे ज़्यादा मौतें हो रही है। इन मौतों की वजह ऊंचाई से गिरने, पानी मे बहने से ट्रेन की चपेट में आने आदि कारणों से होती है। आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2014 से सितंबर 2016 के बीच 127 मौते दुनियाभर में सेल्फी की वजह से हुई है।
हर जगह सेल्फी को लेकर क्रेज यंगस्टर्स और टीनएजर्स में है। इस रिपोर्ट के अनुसार सेल्फी से होनी वाली मौतों में 68 प्रतिशत वो लोग है जिनकी उम्र 24 साल से कम है। आपको ये जानकर भी आश्चर्य होगा कि पूरे विश्व में पिछले साल 2400 करोड़ सेल्फी गूगल पर अपलोड की गई थी। सेल्फी का दीवानापन काफी अच्छा है लेकिन ज़्यादा लाइक्स या वायरल होने के चक्कर में ऐसा कोई स्टंट या लापरवाही न करे जिससे आपकी जान चली जाए।
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