बॉलीवुड की अदाकारा दीपिका पादुकोण आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है और इस समय तो सफलता उनके कदम चूम रही है। वे जैसे किसी चीज पर हाथ रख दें तो वही चीज सोना बन रही है। यानि की वे जिस फिल्म को साइन करती हैं, उसका सुपरहिट होना तय है। वैसे इन सबके पीछे उनकी मेहनत और लगन साफ दिखती है और ये बात उनके साथ वक्त बिताने वाले लोग भी जानते हैं। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो ये अच्छे से जानते हैं कि सफलता की सीढिय़ों पर पहुंचने वाली दीपिका कभी डिप्रेशन की शिकार थीं। जब उन्हें इसका इलाज नहीं मिल रहा था, तब उनके ऐसे समय में साथ दिया था एना चांडी ने। एना चांडी ही वो शख्स हैं, जिन्होंने दीपिका को डिप्रेशन से बाहर लाने में मदद की थी। दीपिका आज भी उनका आभार मानती हैं।
एना एक दक्षिण भारतीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं। हर आम परिवार की तरह उन्हें भी घर से फ्यूचर सिक्योर करने के बारे में कहा गया, लेकिन वे अपना सपना पूरा करना चाहती थीं। एना आज डिप्रेशन और मानसिक बीमारी को देखने वाली पहली भारतीय महिला हैं।
तोडऩा चाहती थीं मिथ-
भारतीय समाज में मानािक बीमारियों से मिथ को तोडऩे के लिए एना ने कांउसलर बनने का फैसला किया था। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि – काउंसिंलिंग से जुड़ी अच्छी बात ये है कि आप खुद अपने बारे में भी बहुत कुछ जान जाते हैं। वह कहती हैं कि मेरा काम निराश लोगों को आशा प्रदान करना है। आज जब भी मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो मुझे उन परेशानियों का अहसास होता है, जो मैंने झेली हैं। लेकिन आज भी मैं अपने पैशन को लेकर जुनून रखती हूं।
फोन पर ही हाल बताकर रोने लगी थीं दीपिका-
एना ने बताया है कि उन्होंने दीपिका पादुकोण को डिप्रेशन से बाहर निकाला। दीपिका के मामले में उन्हें पता था कि वे ठीक नहीं हैं, लेकिन इसके पीछे की वजह उन्हें पता नहीं थी। एक बार तो दीपिका ने एना को फोन किया और हाल बताकर फोन पर ही रोने लगीं। तब एना ने दीपिका की आवाज से उनके डिप्रेशन का कारण जानने की कोशिश की थी और फिर वे अगले दिन मुंबई में दीपिका के पास पहुंची। उन्होंने पूरा एक दिन दीपिका के साथ बिताया और फिर वे उन्हें एक डॉक्टर के पास ले गईं। पहले तो उन्होंने मना किया लेकिन फिर वे उनके सााि चली गईं। लिव लव लाइफ दीपिका की फिलॉस्फी हैं। अब वे ऐसे लोगों के लिए कुछ करना चाहती हैं जो मानसिक तौर पर बीमार होते हैं। ऐसे लोगों के लिए उन्होंने एक फाउंडेशन की स्थापना की, जिसका नाम है द लिव लव लाफ फाउंडेशन।
लिव लव लाइफ फाउंडेशन की डायरेक्टर एना चंडी काफी अट्रेक्टिव पर्सनालिटी हैं। उन्होंने बैंगलुरू के बिशप कॉटन स्कूल से अपनी स्कूलिंग की और फिर माउंट कार्मेल कॉलेज से आगे की पढ़ाई की। इसके बाद घरवालों ने उनकी शादी कर दी। उनके देवर को सीजोफ्रेनिया नाम की बीमारी थी। वह बताती हैं कि उनकी इस बीमारी का इलाज किसी को नहीं पता था। साइकोथैरेपिस्ट ने उन्हें सिखा दिया था कि उनकी देखभाल कैसे करनी है। ऐसे में एना ने उनकी अच्छे से देखभाल की। एना भारत की पहली सुपरवाइजिंग और ट्रेनिंग ट्रांजैक्शनल एनालिस्ट हैं। वह न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग और आर्ट थैरेपी में भी सर्टिफाइड हैं।