अम्मा के बाद AIADMK एवं उसकी Two Leaves का भविष्य अनिश्चित
चुनाव आयोग ने बुधवार देर रात अपने अंतरिम आदेश में AIADMK के दोनों खेमों वीके शशिकला और ओ पन्नीरसेल्वम, दोनों के ही खेमों को बड़ा झटका देते हुए पार्टी का ‘टू लीव्स’ (दो पत्तियां) चुनाव चिन्ह जब्त कर लिया है। इस चिन्ह के लिए दोनों ही खेमों ने अपना दावा ठोंका था। आरके नगर उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने गुरुवार सुबह 10 बजे तक का समय दिया है कि दोनों दल अपने लिए नए चुनाव चिन्ह के विकल्प प्रस्तुत करें।आज गुरुवार की सुबह ओ पन्नीरसेल्वम गुट के लोग मरीना बीच पर अन्नादुरई मेमोरियल पहुंचे।
पिछले सप्ताह, पन्नीरसेल्वम खेमे ने आयोग के सामने दलील रखी थी कि पार्टी का चुनाव चिन्ह उन्हें मिलना चाहिए। इस मुद्दे पर शशिकला खेमे से पार्टी के नेता और लोकसभा के उपसभापति एम. थम्बीदुरई ने भी आयोग से पन्नीरसेल्वम खेमे की किसी भी दलील की ओर ध्यान न देने की बात की।
चुनाव आयोग ने पन्नीरसेल्वम दल से 20 मार्च तक समर्थन के दस्तावेज मांगे। साथ ही, शशिकला खेमे को भी 20 मार्च तक का समय दिया गया, मगर उन्होंने 22 मार्च तक का समय मांगा। आयोग ने इस मांग को खारिज कर दिया। पन्नीरसेल्वम में दिग्गज पार्टी ने ई मधुसुधानन को अपनी तरफ से उम्मीदवार बनाया है। वहीं पार्टी के उपमहासचिव और शशिकला के भतीजे टीटीवी दीनाकरण दूसरे उम्मीदवार हैं।
ऐसे बटी पार्टी
पार्टी की पूर्व प्रमुख जे जयललिता की मौत के कुछ ही दिन बाद पार्टी दो धड़ों में बंट गई है. एक गुट का नेतृत्व जयललिता के विश्वस्त रहे ओ पनीरसेल्वम और दूसरे गुट का नेतृत्व जयललिता के साथ लंबे समय से रहीं शशिकला के हाथ में है. फिलहाल शशिकला आय से अधिक संपत्ति के मामले में बेंगलुरू की जेल में सज़ा काट रही हैं. पार्टी की पूर्व प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री रही जे जयललिता की दिसंबर में हुई मौत के बाद खाली हुई आर के नगर की सीट पर चुनाव के लिए आज(गुरुवार) से नामांकन दाखिल होगा.
फैसला दे पाना मानवीय रूप से संभव नहीं
चुनाव चिन्ह ज़ब्त करने का फैसला चुनाव आयोग ने बुधवार को दिन भर सुनवाई करने के बाद देर शाम लिया. दोनों पक्षों की तरफ से कई वकीलों ने लंबी जिरह की और चुनाव चिन्ह पर अपना दावा जताया. चुनाव आयोग का कहना है कि दोनों पक्षों ने चुनाव चिन्ह पर दावे के समर्थन में 20000 पन्नों का सबूत पेश किया है. आयोग का कहना है कि उसके लिए इन सबूतों को देख कर उपचुनाव से पहले फैसला दे पाना मानवीय रूप से संभव नहीं है.
शशिकला महासचिव बनने की शर्त पूरी नहीं करती
पार्टी के पूर्व चेयरमैन ई मधुसूदन, पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम और एस सेम्मालाई ने चुनाव आयोग में 16 मार्च को याचिका दायर कर शशिकला को पार्टी का महासचिव बनाने के फैसले को चुनौती दी थी. उनका कहना था कि शशिकला महासचिव बनने के लिए पार्टी की पांच साल की उम्मीदवारी की शर्त को पूरा नहीं करती और उन्हें एआईएडीएमके पार्टी के बहुत कम सदस्यों का ही समर्थन हासिल है. समय की कमी के कारण चुनाव आयोग ने शशिकला को पार्टी का महासचिव बनाए जाने के मुद्दे पर चर्चा नहीं की.
पार्टी में कोई विभाजन नहीं
इन लोगों का दावा था कि पार्टी और कार्यकर्ताओं में व्यापक समर्थन उनके लिए है. उधर शशिकला और टीटीवी दिनाकरन ने दावा किया कि पार्टी में कोई विभाजन नहीं हुऐ है और ये केवल आंतरिक विरोध का मामला है. हालांकि चुनाव आयोग ये मानता है कि पार्टी में दो विरोधी गुट मौजूद हैं.
लेखक
परीक्षित गंगराड़े
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