कैसेट के जमाने की सुरीली आवाज, कभी स्टेज पर गाने से लगता था डर
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आपको याद हैं वो जमाना जब हम टेप में रील वाली कैसेट लगाकर गाने सुनते थे। टेप के नाम पर एक बड़ा सा बक्सा और उसके आइड-साइड रखे लकड़ी के दो बक्से जिनमें स्पीकर लगे होते थे। एक घर में बजे तो पूरा मोहल्ला उन गानों को सुनता था। ये टेप पहले हर घर की शान बड़ाते थे लेकिन अब ये गायब हो गए है।
इन कैसेटों में आपने कई सिंगर्स के गाने सुने होंगे। जैसे मुकेश कुमार, किशोर कुमार, रफी साहब, अल्ताफ राजा, उदित नारायण, कुमार सानू और भी बहुत सारे सिंगर। आज इनकी आवाज भले ही हमारे स्मार्टफोन के एसडी कार्ड में सेव हो लेकिन सच कहे तो असली मजा तो रील वाली कैसेट में ही आता था।
उस दौर में एक सिंगर आई थी जो पहले गाने में ही हिट हो गई थी। कैसेट के उस जमाने में जब लोग गाने सुनते थे तो पूरे खो जाते थे और भारत के गांवों में जब कोई मिथुन की फिल्म देखकर आता था तो उसके जैसे ही कपड़े और बाल रखवाता था। ये जो सिंगर है इनका मिथुन से ही नाता है।
दरअसल मिथुन को आपने कई एक्शन फिल्मों में देखा होगा लेकिन उनकी एक रोमेंटिक फिल्म थी ‘प्यार झुकता नहीं’ इस फिल्म की एक्ट्रेस पद्मिनी कोल्हापुरी के साथ उनकी जोड़ी कमाल की थी। फिल्म के गाने और भी लाजवाब थे इतने कि आज भी अमर है। इन्हीं गानों की सिंगर कविता कृष्णमूर्ति के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
कविता कृष्णमूर्ति का जन्म 25 जनवरी 1958 को दिल्ली की एक अयंगर फैमिली में हुआ था। कविता को बचपन से ही गाने का शौक था। वो बचपन से ही लताजी और मन्ना डे के गाने खूब सुनती और गुनगुनाती थी। उन्होंने शास्त्रीय संगीत बलराम पुरी से सीखा था। उनके पिता शिक्षा विभाग में अधिकारी थे।
कविता ने बचपन में ही एक सिंगिंग कॉम्पीटिशन में गोल्ड मेडल जीता था जिसके बाद से उन्होंने म्यूजिक की दुनिया में करियर बनाने की ठान ली। उनके पिता एक सरकारी अधिकारी थे और चाहते थे कि बेटी भी सरकारी नौकरी ही करे लेकिन कविता के टैलेंट को देखते हुए उन्होंने कविता को म्यूजिक इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने की मोहलत दी।
कविता कृष्णमूर्ति अपने शुरूआती दिनों में हर सिंगिंग कॉम्पीटिशन में बड़-चड़कर हिस्सा लेती थी। शुरूआत में उन्हें स्टेज पर सबके सामने गाने में डर लगता था लेकिन धीरे-धीरे ये डर भी निकल गया। शुरूआती दिनों में ही उन्हें लताजी के साथ चंद लाइनें गाने का मौका मिला वे पहले तो थोड़ा नर्वस थी लेकिन जब उन्होंने लताजी को गाते देखा तो उनका आत्मविश्वास भी बढ़ गया।
कविता कृष्णमूर्ति ने 1980 में अपना पहला फिल्मी गीत ‘काहे को ब्याही’ गाया था लेकिन दुर्भाग्यवश ये गाना फिल्म से हटा दिया गया था। लेकिन कविता को अब कोई मुश्किल रोक नहीं सकती थी। उन्होंने इसके बाद फिल्म ‘प्यार झुकता नहीं’ के गानों में आवाज दी। इस फिल्म के गाने इतने पॉपुलर हुए कि हर कोई कविता की मधुर आवाज का दिवाना हो गया।
कविता ने इसके बाद कई फिल्मों के लिए गाने गाए। कई एक्ट्रेस जैसे श्रीदेवी, रानी मुखर्जी, काजोल और प्रीति जिंटा की एक्टिंग के गाने उनकी आवाज पर एकदम सटीक बैठते है। साल 2005 में उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। कविता ने कई भाषाओं में गाने गाए है और उनका म्यूजिक इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण योगदान है।
कविता कृष्णमूर्ति वायलिन वादक एल. सुब्रमण्यम की पत्नी है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि एक बार वे सिंगर हरिहरण के साथ मिलकर सुब्रहमण्यम के लिए गाना गाना था उस समय उनकी शादी नहीं हुई थी। सुब्रहमण्यम का बहुत नाम था और इसलिए कविता उनसे बहुत घबराई थीं, लेकिन धैर्य के साथ उन्होंने गाना पूरा किया।
सुब्रहमण्यम पहले से शादी-शुदा थे लेकिन उनकी पत्नी का देहांत हो चुका था। वैसे तो मन ही मन कविता उन्हें अपना दिल दे चुकी थी लेकिन उन्होंने कभी इस पर अपनी तरफ से पहल नहीं की। जब सुब्रहमण्यम ने शादी के लिए प्रस्ताव रखा तो कविता ने हां कर दी और दोनों विवाह के बंधन में बंध गए। आपको बता दें कि कविता को चार बार फिल्मफेयर अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।
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