हिलेरी ने तोड़ी चुप्पी, बताया हार का कारण
- - Advertisement - -
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प से मिली करारी हार के बाद हिलेरी क्लिंटन ने चुप्पी तोड़ी हैं। अपनी हार के लिए हिलेरी ने एफबीआई को जिम्मेदार ठहराया है। हिलेरी का कहना है कि नए एक हजार ईमेल के विवाद ने उन्हें जीत से दूर कर दिया। हिलेरी का दावा है कि वह एफबीआई के डायरेक्टर जेम्स कोमी की वजह से नहीं जीत पाई। हिलेरी ने बताया कि जब तक कोमी ने कांग्रेस के नेतृत्व को पत्र लिखकर यह नहीं कहा था कि उन्होंने ईमेल स्कैंडल में जांच दोबारा शुरू कर दी है तब तक हमारे अभियान को जीत मिल रही थी। इसके अलावा हिलेरी ने अपनी हार के लिए कई अन्य कारणों का भी जिक्र किया।
हिलेरी का कहना है कि एफबीआई ने उनके ईमेल की जांच के मामले में दूसरा पत्र उस वक्त लिखा था जब चुनाव में महज़ तीन दिन रह गए थे। क्लिंटन ने बताया कि तीसरी और अंतिम डिबेट के बाद वह अपनी पॉजीशन को लेकर काफी खुश थीं। सभी सर्वों में उन्हें बेहतर पॉजीशन पर दर्शाया गया था। लेकिन नतीजा इन सभी के उलट आया जिससे वह काफ़ी निराश हुई। बता दें कि हिलेरी ने यह बात एक सम्मेलन के दौरान फंड और दान देने वालों से कही है।
ट्रम्प से अमेरिकी नहीं हैं खुश, कर रहे हैं विरोध
यूएस में अमेरिका में प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में जीत दर्ज करने वाले रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प के ख़िलाफ यूएस में प्रदर्शन हो रहा है। लोगों का मानना है कि ट्रम्प उनके सिविल और मानव अधिकारों को खत्म कर देंगे। रैली निकाल कर लोग वो हमारे प्रेसिडेन्ट नहीं हैं के नारे लगा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर हिलेरी को जिताने के लिए व्हाइट हाउस में एक याचिका दायर की गई है। इस पर 32 लाख लोगों ने दस्तखत भी कर दिए हैं। परंपरा के मुताबिक इलेक्टोरल कॉलेज के 538 सदस्य 19 दिसंबर को प्रेसिडेंट के लिए वोट देंगे।
बता दें कि यदि ये सभी मेंबर पॉपुलर वोट के हिसाब से वोट करें तो ट्रम्प हार सकते हैं। लेकिन अगर ये अपने-अपने राज्यों में बहुमत पाने वाले उम्मीदवार को वोट देते हैं तो ट्रम्प जीत जाएंगे। पिटीशन में कहा गया है कि सदस्य ट्रम्प को वोट न देकर हिलेरी को दें।
- - Advertisement - -
- - Advertisement - -