महाराष्ट्र विधानमंडल की पब्लिक अकाउंट कमेटी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की बेटी ज्योति राठौड़ द्वारा संचालित ट्रस्ट पर कुछ नियमों का उल्लंघन करने के बावजूद 2009 में कार्रवाई नहीं करने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार की जमकर खिंचाई की है।
स्कूल की इमारत का निर्माण करने में विफल
विधानमंडल के हाल में खत्म हुए सत्र में रखी गई कमेटी की रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि ज्योति के महाराष्ट्र महिला उद्यम ट्रस्ट को स्कूल का निर्माण करने के लिए सरकारी भूमि मिली थी, वो स्कूल की इमारत का निर्माण करने में विफल रहा, पर उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
वार्षिक किराया एक रु.
PAC ने विस्तृत रूप से कहा कि वर्ष 2009 में, ज्योति के उक्त ट्रस्ट को पुणे जिले में 47,300 वर्ग मीटर भूमि प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल की इमारत के निर्माण के लिए दी गई थी। अन्य 32,000 वर्ग मीटर जमीन खेल के मैदान के लिए दी गई, जिसका वार्षिक किराया एक रु. तय किया गया था, जबकि ट्रस्ट ने बैंक में पूंजीगत व्यय की जरूरी 25% राशि जमा ही नहीं कराई।
नियमों का हुआ उल्लंघन, जमीन वापस नहीं ली गई
PAC ने रेखांकित किया है कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि परियोजना की लागत 13.44 करोड़ रु. थी और 3.36 करोड़ रु. ट्रस्ट के बैंक खाते में जमा होने चाहिए थे, जबकि खाते में सिर्फ 83 लाख रु. थे।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि दूसरी तरफ राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने PAC को बताया कि परियोजना की लागत 8 करोड़ रु. थी और ट्रस्ट के बैंक खाते में 2.54 करोड़ रु. थे। PAC ने जानना चाहा है कि नियमों का उल्लंघन करने के बावजूद ट्रस्ट से जमीन वापस क्यों नहीं ली गई? PAC ने कहा कि निर्माण 3 साल में पूरा हो जाना था, जबकि यह जून 2017 तक भी पूरा नहीं हुआ।