नए साल में बदले आर्मी और एयरफोर्स के चीफ़, अब इनके हाथ में होगी सेना की कमान
- - Advertisement - -
साल बदलने के साथ ही आर्मी और एयरफोर्स को अपने नए प्रमुख मिल गए हैं। भारतीय थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग की जगह लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत ने थल सेना की कमान संभाली है। वहीं वायुसेना प्रमुख की कमान वीरेन्द्र सिंह धनोवा को मिली है। धनोवा को अरूप साहा की जगह चुना गया है। साहा ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है। बता दें कि दोनों अधिकारियों ने शनिवार को अपना कार्यभार संभाल लिया है।
कैसा रहा है रावत का करियर?
-1978 में भारतीय सैन्य अकादमी से पासआउट रावत अपने बैच के बेस्ट कैडेट माने जाते हैं। सदा मेधावी रहने वाले रावत अपने जीवन में सोर्ड ऑफ ऑनर, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल व विशिष्ट सेवा मेडल जैसे कई पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं।
-रावत दक्षिणी कमान के कमांडर का दायित्व देख चुके हैं। आर्मी चीफ़ बनने से पहले रावत आर्मी के ही वाइस चीफ़ थे।
-रावत को कश्मीर का काफी तजुर्बा है। उन्हें ऊंचाई वाले स्थानों पर जंग और काउंटर-इनसर्जेंसी ऑपरेशन का भी अच्छा अनुभव है।
-बता दें कि रावत के पिता भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून के कमांडेंट थे।
कैसा रहा है धनोवा का करियर
-घडूआं गांव में जन्मे बीएस धनोवा की शिक्षा राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून में हुई।
-उन्होंने नेशनल डिफेंस अकादमी से स्नातक की है। धनोवा ने कारगिल युद्ध में भी अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा कई फाइटर जेट उड़ाने के अलावा वे एक क्वालीफाडइ फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर रहे।
-बता दें कि धनोवा परिवार के कई सदस्य सेना में रह चुके हैं। उनके पिता सरायण सिंह आइएएस थे और पंजाब सरकार में 1980 में मुख्य सचिव के अलावा राज्य सरकार के एडवाइजर रहे। वहीं उनके दादा संत सिंह ब्रिटिश इंडियन आर्मी में कैप्टन रह चुके हैं। उन्होंने दूसरे विश्र्व युद्ध में भाग भी लिया था।
- - Advertisement - -