नोट की सुनामी : जनता बेहाल, सरकार मालामाल
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जब से पीएम मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद का ऐलान किया है देश में भगदड़ मच गई है। कई लोगों के काम रुक गए हैं, किसी की शादी रुक गई है तो कोई सदमे से भगवान के पास चला गया। लोगों को नोट बंद के चलते काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर आम जनता बैंकों के बाहर लगी लंबी-लंबी कतारों से परेशान है वहीं दूसरी और कालेधन के जमाखोर इस बात को लेकर परेशान हैं कि ’ब्लैक मनी को व्हाइट कैसे किया जाए?’
सुबह से ही बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग जाती हैं जो शाम तक कम होने का नाम नहीं लेतीं। लोग अपना काम-धंधा छोड़कर बैंकों के बाहर नोट बदलने की लाइन में खड़े हुए हैं। सबसे ज्यादा परेशानी तो तब खड़ी हो जाती है जब बैंक में कैश खत्म हो जाता है और लोगों को नोट बदलने के लिए एक बार फिर शून्य से शुरुआत करनी पड़ती है। इसके अलावा एटीएम भी आउट ऑफ सर्विस हैं और सारी स्थिति को बहाल होने में लगभग 2 हफ्ते का समय लग सकता है।
इस सारे परिदृश्य में अगर किसी के मज़े हैं तो वो है सरकार। इस परिदृश्य से सरकारी खजाना कैसे तेजी से भर रहा है ये जानने से पहले हम जान लेते हैं कि नोट बदलने, जमा करने या निकालने के संबंध में सरकार ने क्या आदेश जारी किए हैं।
1. 500 और 1000 के पुराने नोट बैंक या पोस्ट ऑफिस के अपने अकाउंट में 30 दिसंबर तक जमा किए जा सकते हैं।
2. 500 और 1000 के नोट आई कार्ड दिखाकर मुख्य पोस्ट ऑफ़िस और छोटे पोस्ट ऑफ़िस में बदले जा सकेंगे लेकिन 24 नवंबर तक सिर्फ़ 4000 रुपए बदले जा सकेंगे।
3. चेक, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या डिमांड ड्राफ्ट से भुगातान करने पर किसी तरह की कोई सीमा या बंदिश नहीं है।
4. अगर 30 दिसंबर तक पुराने नोट नहीं बदल पाए या बैंक में जमा नहीं करा पाए तो रिजर्व बैंक की निर्धारित शाखाओं में अपनी राशि घोषणापत्र के साथ 31 मार्च 2017 तक जमा करवा सकते हैं।
अब एक नजर डालते हैं उन सुविधाओं पर जिनके लिए सरकार ने 500 और 1000 के नोट का उपयोग करने पर 14 नवंबर तक की छूट दी है।
1. सरकारी अस्पतालों में 500 और 1000 के पुराने नोट स्वीकार किए जाएंगे।
2. रेलवे टिकट बुकिंग काउंटर, सरकारी बसों और एयरलाइल टिकट काउंटरों पर भी टिकट खरीदने के लिए पुराने नोट मान्य होंगे।
3. पेट्रोल, डीज़ल और गैस स्टेशन जो सरकारी तेल कंपनियों द्वारा अधिकृत किए गए हैं।
4. राज्य और केंद्र सरकार अधिकृत को-ऑपरेटिव स्टोर
5. राज्य सरकारों के मिल्क बूथ
6. शमशान घाटों पर
सरकार के आदेशों पर यदि ग़ौर करें तो ये साफ़ नज़र आता है कि सरकार ने छूट केवल सरकारी सुविधाओं के लिए ही दी है। अब ये छूट क्या सोच कर दी गई है ये तो पीएम मोदी ही बता सकते हैं लेकिन सरकार के इस निर्णय से सरकारी खजाना तो तेजी से भर रहा है भले ही आम जनता को कितना भी परेशान क्यों न होना पड़े।
कई सरकारी विभाग में बढ़ रहा रेवेन्यू
पीएम मोदी के नोट बैन के फैसले के बाद कई सरकारी विभागों में रेवेन्यू के बढ़ जाने की जानकारी मिली है। बिल भुगतान के नाम पर लोगों ने एक ही दिन में 98 करोड़ से ज्यादा का भुगतान कर दिया जिससे बिजली कंपनियों का रेवेन्यू अचानक बढ़ गया। वहीं नगर निगम ने भी संपत्ति कर व अन्य बकाया भुगतान के जरिए लोगों से 7 करोड़ का कलेक्शन किया। इतना ही नहीं नोट बैन के फैसले के बाद रेलवे टिकट की बुकिंग के जरिए भी एवरेज रेवेन्यू में 40 प्रतिशत का इजाफा हुआ था।
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