भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने सबसे भारी और शक्तिशाली रॉकेट GSLV मार्क-3 के द्वारा भारतीय संचार उपग्रह जीसैट-19 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केन्द्र से 5 जून को अंतरिक्ष में भेजेगा। इसरो द्वारा निर्मित जीसैट-19 अब तक का सबसे भारी सैटेलाईट है, जिसका वजन 3,136 किग्रा है। इस सेटेलाईट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे और रॉकेट के मुख्य और सबसे बड़े क्रायोजेनिक इंजन को इसरो के वैज्ञानिकों ने भारत में ही विकसित किया है। इसे 5 जून को शाम 05:28 बजे लॉन्च किया जाएगा।
GSLV मार्क-3 के कारण भारत बना आत्मनिर्भर
अंतरिक्ष तकनीक में बड़ा बदलाव लाने वाले मिशन के तौर पर देखे जा रहे GSLV मार्क-3 के सफल परीक्षण के साथ ही अब भारत दूसरे देशों पर निर्भर हुए बिना बड़े उपग्रहों का देश में ही प्रक्षेपण कर सकता है। इसरो के सूत्रों ने बताया कि GSLV- मार्क-3 की 4 टन के सैटेलाईट को ले जाने की क्षमता है।