GST हुआ पास, जानिए आम जनता को कितना होगा फायदा-नुकसान
कथित टूर पर देश के लिए सबसे बड़ा इकनोमिक रेवोल्युशन गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स अर्थात GST से जुड़े 4 अहम विधेयक बुधवार को लोकसभा से पारित हो गए. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने GST को क्रांतिकारी कदम बताया तो पीएम मोदी ने नया नारा दिया- ‘न्यू ईयर, न्यू लॉ एन्ड न्यू इंडिया’.
देश के इकनोमिक स्ट्रक्चर में आएंगे ये बड़े चेंजेस :-
सिंगल टैक्स सिस्टम
GST लागू होने के बाद पूरे देश में सिंगल टैक्स सिस्टम होगा. अभी तक टैक्स लगाने का अधिकार केंद्र एवं राज्यों दोनों में विभाजित था.
गुड्स एन्ड सर्विसेज के दाम कम होंगे
राज्य और केंद्र मिलकर गुड्स एवं सर्विसेज पर टैक्स लगाएंगे. इससे देश भर में गुड्स एन्ड सर्विसेज के दाम कम होंगे. वित्तमंत्री ने कहा कि GST से आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जा रहा है. साथ ही पब्लिक हेल्थ पर खराब असर डालने वाले गुड्स और लग्जरी प्रॉड्क्स पर ज्यादा टैक्स लगाया गया है.
डिफ़ेरेन्ट आइटम पर डिफरेंट GST रेट
जेटली ने कहा कि GST के कई टैक्स रेट होना ठीक है. हवाई चप्पल और BMW पर एक जैसा टैक्स नहीं लगाया जा सकता है. संसद और राज्यों की विधानसभाओं को गुड्स और सर्विसेज पर टैक्स लगाने का अधिकार होगा.
जम्मू एवं कश्मीर पर लागु नहीं होगा GST कानून
GST काउंसिल में 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं. संविधान संशोधन के तहत GST के तहत पहले पांच साल में किसी राज्य को घाटा होगा, तो उसकी भरपाई की जाएगी. टैक्स को लेकर अगर दो राज्यों में विवाद होता है, तो आम सहमति से फैसला लिया जाएगा. जम्मू एवं कश्मीर राज्य को GST कानून के दायरे में नहीं लाया गया है.
कर-चोरी मुश्किल
GST लागू होने से टैक्स में चोरी आसान नहीं होगी.
गुड्स एवं सर्विसेज की मूवमेंट आसान
GST के लागू होने के बाद देश भर में गुड्स एवं सर्विसेज की मूवमेंट आसान होगी.
सप्लाई क्षमता बेहतर
GST के लागू होने से सप्लाई क्षमता बेहतर होगी.
GST से यूनिफॉर्मिटी, ईमानदार टैक्स-पेयर्स को फायदा
GST से यूनिफॉर्मिटी आएगी और ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होगा. GST से ऑनलाइन लेनदेन बढ़ेगा और इससे कर देने वालों का दायरा बढ़ेगा. इसका ईमानदार टैक्स-पेयर्स को फायदा मिलेगा.
GDP में 2% का इजाफा
विश्व बैंक के एक अध्ययन में कहा गया है कि GST लागू होने से GDP में 2% का इजाफा होगा.
0 से 28% का टैक्स स्लैब
टैक्स रेट्स की चर्चा करते हुए लोकसभा में जेटली ने कहा कि अभी हमारे पास कई टैक्स ब्रैकेट्स हैं. ये टैक्स स्लैब 0%, 5%, 12%, 18% और 28% हैं. खाने-पीने की अहम चीजों पर 0% टैक्स, जबकि नुकसानदेह या लग्जरी चीज़ों पर अधिक टैक्स रखा गया है.
ये हो सकते हैं सस्ते –
– छोटी कारें, SUV, बाइक, वॉल पेंट और सीमेंट, सिनेमा टिकट, बिजली के सामान (पंखे, बल्ब, वाटर हीटर, एयर कूलर आदि), डेली नीड्स गुड्स, रेडीमेड कपड़े
लेकिन ये हो सकता है महंगा
तंबाकू ,सिगरेट, बीड़ी आदि, मोबाइल का उपयोग, टेक्सटाइल और ब्रैंडेड जूलरी,
,रेस्टोरेंट, होटल्स आदि सर्विसेज, रेल, बस और हवाई सफर
हमारे देश का क्या-क्या भला होने की उम्मीद –
टैक्स ऑन टैक्स खत्म होगा-
टैक्स ऑन टैक्स खत्म होगा। जीएसटी में कम-से-कम 11 सेंट्रल और स्टेट टैक्सेज समाहित हो जाएंगे।
कम टैक्स
कुछ इनडायरेक्ट टैक्स बढ़ेंगे जबकि ज्यादातर में कटौती होगी।
एक भारत, एक बाजार, एक रेट
पूरा देश एक मार्केट हो जाएगा जहां के तमाम राज्यों के बीच सामानों की बेरोकटोक आवाजाही हो पाएगी।
आसान होगा कारोबार
टैक्स कम्प्लायंस तेज और आसान तो होगा ही,इस पर लागत भी कम आएगी।
समृद्ध होगा सरकारी खजाना
कुछ टैक्स में छूट और कुछ के पूरी तरह खात्मे की वजह से टैक्स कलेक्शन का दायरा बढ़ेगा और सरकारी खजाने में आमदनी बढ़ेगी। गरीब राज्यों को ज्यादा आमदनी होगी।
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