Tuesday, August 15th, 2017
Flash

गुजरात की किताब में रोजा को बताया “हैजा”, मचा बवाल




Social

रमजान मुसलिम समुदाय का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस दौरान ज्यादातर सभी मुसलमान रोजा रखते हैं। रोजा रखना उनके लिए सबसे अच्छा भी माना जाता है। लेकिन गुजरात बोर्ड की चौथी कक्षा की किताब में तो कुछ और ही कहा गया है।

दरअसल गुजरात बोर्ड की चौथी क्लास के हिंदी पाठ्यक्रम में एक बड़ी गलती पाई गई है। इस क्लास की हिंदी पाठ्यपुस्तक में लिखा है कि रोजा संक्रामक रोग का कारण है। रोजा की वजह से दस्त और उल्टी होती है। जिस किताब पर रोजा को संक्रामक रोग का कारण बताया गया है उस पुस्तक को गुजरात राज्य विद्यालय पाठ्यपुस्तक बोर्ड द्वारा प्रकाशित की गई है।

इस पुस्तक के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है कि किस तरह रोजा दस्त और कई अन्य बीमारियों का कारण है। इतना ही नहीं इस पुस्तक में ये भी लिखा है कि रोज़ा ‘एक चातक और संक्रामक रोग है, जिसमें दस्त होते हैं और उबकाई आती है। इस गलती के लिए जिम्मेदार GSSTB के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर(ED) नितिन पेठानी पर गाज गिर रही है। पेठानी ने इसे सबसे बड़ी गलती बताया है। 

दरअसल, पुस्तक में हैजा से होने वाले नुकसान हो बताया गया था। लेकिन प्रिंटिंग की वजह से  ‘हैजा’ शब्द की जगह ‘रोज़ा’ छप गया है। पेठानी ने बताया कि शुरुआत में यह मामला डेटा एंट्री लेवल पर हुई टाइपिंग की गलती का लग रहा है। उन्होंने कहा कि ये इतनी बड़ी गलती टाइपिंग की वजह से हुई। इसमें धार्मिक भावनाओं को आहत करने की कोई मंशा नहीं थी। हालांकि दूसरी तरफ शहर की जामा मस्जिद के मुफ्ती शब्बीर आलम ने इस मामले को गलत बताते इसकी खूब आलोचना की है। उन्होंन इसे धार्मिक भावनाएं आहत करने वाला बताया।

 

Sponsored



Follow Us

Youthens Poll

‘‘आज़ादी के 70 साल’’ इस देश का असली मालिक कौन?

Young Blogger

Dont miss

Loading…

Subscribe

यूथ से जुड़ी इंट्रेस्टिंग ख़बरें पाने के लिए सब्सक्राइब करें

Subscribe

Categories