भारत और रूस का सुपर सुखोई देगा चीन और पाक को करारा जवाब
भारतीय वायुसेना के बेड़े में सुपरसोनिक तेजस के बाद अब ‘सुपर सुखोई’ शामिल होगा। भारत और रूस के साथ रूके इस प्रोजेक्ट को भारत जल्द ही आगे बड़ाने की तैयारी में है। इसके तहत भारत 5वीं जनरेशन के लिए लड़ाकू विमानों और सुखोई जेट को सुपर सुखोई में बदलने के लिए रूस से समझौता करेगा। इसके साथ ही भारत और फ्रांस अब जल्द ही गोलीबारी करने वाले 36 जेट के लिए करीब 7.8 बिलियन यूरो की डील करने जा रहा है, लेकिन रक्षा मंत्रालय का मानना है कि देश की अभेद सुरक्षा के लिए 36 लड़ाकू विमान काफी नहीं हैं। भारतीय वायुसेना के पास अभी 33 लड़ाकू विमान हैं, जबकि इनमें से 11 बहुत पुराने हो चुके हैं. मिग-21 और मिग-27 अब दस्ते से रिटायर होने के कगार पर हैं।
2007 में हुइ थी डील
जानकारी के अनुसार इस समय भारत लड़ाकू विमानों की तकनीक और कीमत संबंधी मुद्दों से निपटने की तैयारी विमानों की तकनीक और कीमत संबंधी मुद्दों से निपटने की तैयारी कर रहा है। रूस भी भारतीय वायुसेना के पायलट को प्रोटोटाइप उड़ाने की अनुमति देने को तैयार है। भारत और रूस के बीच सबसे पहले 2007 में लड़ाकू विमानों की शुरुआती डिजाइन के लिए 295 मिलियन डॉलर का सौदा हुआ था। बाद में इसे 2010 के लिए बढ़ा दिया गया था।
मेड इन इंडिया होंगे विमान
अंग्रेजी अखबार के मुताबिक भारत आसमान में अपनी ताकत बड़ाने के लिए काफी प्रयास कर रहा है ऐसे में भारत को चीन और पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए कम से कम 42 फाइटर प्लेन की आवश्यकता है। तेजस के बाद अब देश में दूसरे लड़ाकू विमानों को भी लॉन्च करने की तैयारी है. इसमें अमेरिकन एफ ए-18 और एफ-16 के साथ ही स्वीडिश ग्रिपन ई को भारत में बनाने की तैयारी है. यानी अब इन्हें मेड इन इंडिया टैग के साथ लॉन्च किया जाएगा।