भारत के बाद अब तीन और देशों ने किया पाक का बहिष्कार
देश में हुए आतंकी हमलों के बाद भारत ने एक बड़ा फ़ैसला लिया है। ये फ़ैसला है पाक का बहिष्कार करने का। जी हां उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत अब पाक का पूरी तरह से बहिष्कार करता नज़र आ रहा है। दरअसल नवंबर में इस्लामाबाद में होने जा रहे दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) शिखर सम्मेलन में भारत हिस्सा नहीं लेगा। भारत के इस फ़ैसले का पड़ोसी देशों ने भी समर्थन किया है।
तीन देश आएं आगे
सूत्रों के अनुसार भारत के फ़ैसले को पड़ोसी देशों बांग्लादेश, अफगानिस्तान और भूटान से समर्थन मिला है। ये देश भी सार्क सम्मेलन में शिरकत नहीं करेंगे। सार्क के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल को भेजे संदेश में बांग्लादेश ने कहा, “बांग्लादेश के अंदरूनी मामलात में एक देश द्वारा बढ़ते दखल ने ऐसा माहौल पैदा कर दिया है, जिसकी वजह से नवंबर, 2016 में इस्लामाबाद में 19वें सार्क शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन मुमकिन नहीं है। इस संदेश में आगे कहा गया है, “सार्क, या दक्षेस की प्रक्रिया की शुरुआत करने वालो में शामिल रहे बांग्लादेश की क्षेत्रीय सहयोग तथा संपर्क में प्रतिबद्धता हमेशा मजबूत रही है, लेकिन उसका मानना है कि यह अधिक सौहार्दपूर्ण माहौल में ही आगे बढ़ सकता है। इस विचार के चलते बांग्लादेश इस्लामाबाद में प्रस्तावित शिखर सम्मेलन में शिरकत करने में असमर्थ है। वहीं दूसरी ओर अफगानिस्तान ने भी कुछ ऐसा ही कहा है। कहा, दक्षिण एशिया में जिस तरह का माहौल बना हुआ है उसमें सार्क सम्मेलन की सार्थकता बेमानी होगी। अफगानिस्तान ने सार्क देशों के चेयरमैन नेपाल को सूचित किया है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी व्यस्त रहने की वजह से सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
रद्द हो सकता है सार्क सम्मेलन
यह सम्मेलन तब तक नहीं हो सकता, जब तक इसके सभी सदस्य देश शामिल नहीं होते। वैसे ये पहला मौक़ा नहीं है कि सार्क सम्मेलन रद्द हुआ हो, ऐसा पहले भी हुआ है और कई बार सार्क सम्मेलन देर से भी हुए हैं। लेकिन इस बार आसार नहीं लग रहे कि देर से भी इस साल ये सम्मेलन हो सकता है। बता दें कि भारत सरकार ने मंगलवार को घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नंवबर में होने वाले सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान नहीं जाएंगे। सीमा पार से जारी आंतकी हमले’ से पैदा वातावरण आठ राष्ट्रों के इस समूह के सम्मेलन के लिए ’अनुकूल नहीं’ है। पीएम मोदी पाकिस्तान को सख्त संदेश देने के लिए पिछले दिनों कई कदम उठा चुके हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण ’सिंधु जल समझौते’ की समीक्षा की, जो कि भारत और पाकिस्तान के बीच छह नदियों के संसाधनों के बंटवारे के लिए है। मोदी ने कहा कि ’खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते।
क्या है सार्क सम्मेलन?
सार्क का पूरा नाम साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल को-ऑपरेशन। यह साउथ एशिया के 8 देशों का इकोनॉमिक और पॉलिटिकल ऑर्गनाइजेशन है। इसकी शुरुआत 8 दिसंबर, 1985 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुई थी। भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान जैसे देश इसके सदस्य हैं। वैसे ये तीसरा मौका है जब यह समिट इस्लामाबाद में होने जा रही है। इसके अलावा ये पहला मौका होगा जब भारत इस समिट में शामिल नहीं होगा।
इस मुद्दे पर पाक का ये कहना है
पाकिस्तान केफॉरेन मिनिस्ट्री ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा “हमें इस बारे में अभी तक कोई ऑफिशयल जानकारी नहीं दी गई है। भारत का सार्क समिट में शामिल नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है।“ आगे कहा, “पाकिस्तान शांति और रीजनल को-ऑपरेशन के लिए कमिडेट है। वह इस रीजन के लोगों के हित में काम करता रहेगा।“