9 साल से अटकी राफेल डील मंजूर-बस एक बटन दबा और पाक तबाह
नई दिल्ली। भारत और फ्रांस के बीच 9 साल से लंबित राफेल डील को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। फ्रांस के साथ 7.8 बिलियन यूरो यानि करीब 59 हजार करोड़ रुपये के इस सौदे के तहत भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमान मिलेंगे। इस करार को लेकर भारत ने पूरी रुपरेखा तय कर ली है और फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां यीव ली ड्रियान की गुरुवार से शुरू हो रही भारत यात्रा के दौरान इस खरीद सौदे पर दोनों देश हस्ताक्षर करेंगे। बता दें कि फ्रांस का यही विमान अफगानिस्तान में जंग के दौरान अल कायदा के लिए मौत का परिश्ता बन गया था। फिलहाल आइएसआइएस के खिलाफ भी फ्रांस इसी विमान का इस्तेमाल करता है।
गौरतलब है कि इस सौदे के लिए बातचीत 1999-200 में शुरू हुई थी। सौदे के तहत हजारों पन्नों के अनुबंध दस्तावेजों को अंतिम मंजूरी के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति को भेजा जाएगा। करार के बाद राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति 36 महीने के भीतर यानी वर्ष 2019 में शुरू होने का अनुमान है। 36 विमान 66 महीने के भीतर भारत आ जाएंगे। सौदे के तहत विमान हथियार प्रणाली से लैस होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग डेढ़ साल पहले अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान 36 राफेल विमान खरीदने की घोषणा की थी। इस दौरान दोनों देशों ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील के लिए समझौता भी किया था। राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस की डसाल्ट एविएशन कंपनी बनाती है।
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