भारत और चीन के बीच में तनातनी कोई आज की बात नहीं। ये सालों से चली आ रही है और भविष्य में कब तक चलेगी इसका भी कोई पता नहीं। पिछले दो महीने से सिक्किम में भारत और चीन के बीच चल रहे डोकलाम विवाद ने काफी गंभीर रूप ले लिया है। हालात तो यहा तब बन गए है कि युद्ध हो जाए लेकिन फिलहाल भारत धैर्य और समझदारी से काम ले रहा है।
>> हर मोर्चे पर निपटने को तैयार भारत
चीन और चीनी मीडिया की ओर से कई बार युद्ध करने की धमकी आ चुकी है तो भारत ने भी कहा है कि वह हर मोर्चे पर निपटने को तैयार है। भारत अब चीन को झटका देने के लिए एक नया प्लान बना रहा है जिससे भारत चीन को एक ऐसा झटका देगा जिससे उसे सबसे ज़्यादा दर्द होगा।
>> आर्थिक मोर्चे पर घेरने की तैयारी
इस बात को तो आप सभी जानते ही है कि चीन का व्यापार भारत के घर-घर में घुस चुका है। भारतीय भले ही कितना भी चीनी वस्तुओं का बहिष्कार कर ले लेकिन फिर भी कुछ न कुछ तो ऐसा रह ही जाता है जो चीन का बना हुआ होता है। चीन भारत में एक बड़े लेवल पर व्यापार कर रहा है। भारत भी अब चीन को आर्थिक मोर्चे पर घेरने की तैयारी कर रहा है।
>> बिजली का झटका देगा भारत
भारत सरकार अब इलेक्ट्रिसिटी, टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक्स इक्विपमेंट की आपूर्ति से जुड़े नियमों में बदलाव करने वाला है जिससे चाइनीज़ कंपनियों के लिए कॉन्ट्रैक्ट पाना और दखल करना मुश्किल हो जाएगा। अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरि देश के पावर स्टेशन और स्मार्ट ग्रिड सिस्टम को साइबर हमले से बचाने के लिए जैसा रोडमैप तैयार कर रही है उससे चीनी कंपनियों के लिए इसमें हिस्सा लेना मुश्किल हो जाएगा।
>> विदेशी कंपनियों को बाहर कर सकते हैं
पिछले दिनों ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा था कि यह सरकार भविष्य में कॉन्ट्रैक्ट्स देते समय परस्पर आदान-प्रदान के सिद्धांतों पर काम करेगी। इंडस्ट्री के कुछ जानकार मानते हैं कि सरकार का यह कदम कुछ विदेशी कंपनियों विशेषकर चीन को रणनीतिक सेक्टर से बाहर रखने के लिए है।
>> ये उनके लिए जो हमें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं
सीईए के चेयरमैन आरके वर्मा ने कहा है कि अथॉरिटी देश के पॉवर सिस्टम को सुरक्षित करने के लिए काम कर रही है। हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा, ‘यह किसी एक देश के खिलाफ नहीं, बल्कि उन सभी देशों के खिलाफ है जो हमारे सिस्टम को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।
>> टेलीकॉम सेक्टर को लगेगा झटका
इसी तरह सरकार टेलीकॉम सेक्टर में भी सुरक्षा मानकों को ऊचां कर रही है, जिससे टेलीकॉम इक्विपमेंट और स्मार्टफोन्स बनाने वाली चाइनीज़ कंपनियों का दबदबा है। पिछले सप्ताह बिजली और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने स्मार्टफोन बनाने वाली 21 कंपनियों से सिक्योरिटी, आर्किटेक्चर फ्रेमवर्क, गाइडलाइन्स, स्टैंडर्ड आदि की जानकारी मांगी है। इन कंपनियों से सिक्योरिटी, आर्किटेक्चर फ्रेमवर्क, गाइडलाइन्स, स्टैंडर्ड आदि की जानकारी मांगी है। इन कंपनियों में अधिकतर चाइनीज हैं।