नहीं मिला सम्मान तो ब्लाइंड टीम ने दिखाया सरकार को आइना
भारत में क्रिकेट को लेकर तो बहुत क्रेज है। क्रिकेट खेलने वालों को भी देश में बहुत सम्मान का दर्जा दिया जाता है। खेलने के बाद उन्हें पैसा और शोहरत भी खूब मिलता है लेकिन ये सब शायद ब्लाइंड क्रिकेट टीम के हक में नहीं। ब्लाइंड टी-20 विश्व कप के फाइनल में पाकिस्तान को हरा दोबारा विश्व चैंपियन बनने वाली भारतीय टीम को उनकी विजेता राशि के लिए ही विवाद से गुजरना पड़ रहा है।
इस टीम को केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने सोमवार को अपने आवास पर सम्मानित करने के लिए बुलाया था। इस दौरान उन्होंने टीम को कुल दस लाख रुपये की पुरस्कार राशि देने की घोषणा की, जिससे भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष महंतेश जीके नाराज हो गए और उन्होंने मीडिया के सामने ही कह दिया कि हम दस लाख रुपये नहीं लेंगे और यह हमारा अपमान है।
पिछली बार मिले थे पांच लाख रूपए
महंतेश ने कहा कि जब टीम ने पहली बार टी-20 विश्व कप जीता था तो प्रत्येक खिलाड़ी को खेल मंत्रालय की तरफ से पांच-पांच लाख रुपये मिले थे। यही कारण है कि सोमवार को खेल मंत्रालय से कुल दस लाख रुपये की पुरस्कार राशि मिलने के कारण महंतेश दुखी हो गए। जैसे ही ये सूचना विजय गोयल को मिली वह तत्काल महंतेश से मिले और उन्होंने टीम के सभी खिलाड़ियों को अलग एक कमरे में ले जाकर बातचीत की।
गोयल ने कहा कि आज का कार्यक्रम एक सम्मान समारोह था। कुछ गलतफमी हुई है, जो पुरस्कार पहले टी-20 विश्व कप विजेता ब्लाइंड टीम को मिल चुका है वो तो सब कुछ मिलेगा ही। उन्होंने कहा कि हम इसकी आधिकारिक घोषणा जल्द ही करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन भी अधिकारियों के रवैये से भारतीय खिलाड़ियों को दुख हुआ है उनकेखिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। गोयल ने कहा कि हम तो पहले ही विश्व कप आयोजन के लिए भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट एसोसिएशन को 30 लाख रुपये की मदद कर चुके हैं और उनको मान्यता देने पर भी विचार कर रहे हैं। यही नहीं बीसीसीआइ भी इनको मान्यता दे हम इसके लिए भी पत्र लिखेंगे।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने हालांकि गुरूवार को इस राशि के बारे में अपने कथन को ठीक भी किया। बुधवार को उन्होंने घोषणा की कि ब्लाइंट क्रिकेट टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को पांच-पांच लाख रूपए की राशि इनाम में दी जाएगी। इस टीम को अपनी जीत की राशि हासिल करने के लिए इतना जतन करना पड़ रहा है वहीं अगर इंडिया की इंटरनेशनल टीम कोई मैच जीतकर आती तो शायद यहां पर नोटो की बारिश हो जाती। गालियां फटाखों के धुएं से भर पड़ती।
ब्लाइंड क्रिकेट में वर्ल्ड कप जीतना कोई छोटा काम नहीं है। ये भी वही मैच है जो हमारे धुरंधर इंडियन प्लेयर खेलते है लेकिन यहां बात इनके अधिकार की है। बताया जा रहा है कि टीम को अभी तक अधिकारिक दर्जा भी नहीं दिया गया है। वहीं टीम अभी तक संसाधनों की कमी से जूझ रही है।
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