भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं ये नेता
तीन अक्टूबर इतिहास के पन्नों में दर्ज वो दिन है जब इंदिरा के खि़लाफ एक एफआईआर दर्ज की गई थी। उसी दिन असाधारण योग्यता और नैतिक साहस वाले एक आईपीएस अधिकारी एनके सिंह ने उन्हें एफआआईआर की एक प्रति दे दी थी। उन पर अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करने और चुनाव प्रचार के लिए जीपों का प्रबंध करने का आरोप लगाया गया था। एनके सिंह सुबह आठ बजे इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने के लिए उनके घर पहुंचे तो वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने काफी हो-हल्ला किया। राजीव और संजय गांधी एक कार में पुलिस के पीछे-पीछे चलते रहे। इंदिरा गांधी की हिरासत के लिए बड़कल झील के पास एक जगह चुनी गई थी। झील और फरीदाबाद के बीच का रेलवे फाटक बंद था। इंदिरा गांधी कार से नीचे उतर गईं और अपने वकील से सलाह करने की जिद करने लगीं। तब तक वहां भारी भीड़ इकट्ठा हो चुकी थी और उनकी रिहाई के समर्थन में नारे लगाने लगी थी। एनके सिंह उन्हें पुरानी दिल्ली में दिल्ली पुलिस की ऑफिसर्स मेस में ले गए। इंदिरा गांधी को वह जगह ठीक लगी और उन्होंने रात भर वहीं पर आराम किया।
अगली सुबह चार अक्टूबर को उन्हें मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया तो पुलिस के लिए उनके समर्थकों की भीड़ पर काबू पाना मुश्किल हो गया। मजिस्ट्रेट ने उन पर लगे आरोपों के समर्थन में सबूतों की मांग की। उन्होंने बताया कि पिछले दिन ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और सबूत अभी इकट्ठा किए जा रहे थे। मजिस्ट्रेट ने वादी पक्ष से पूछा कि तो फिर वे क्या करें। सरकार के पास कोई जवाब नहीं था। इसके बाद मजिस्ट्रेट ने इंदिरा गांधी को इस आधार पर साफ बरी कर दिया कि उनकी हिरासत के पक्ष में कोई सबूत नहीं दिया गया था।
इस तरह इंदिरा न केवल देश पहली महिला पीएम, लम्बे समय तक राज करने वाली महिला और ऐसी पहली महिला लीडर थीं जिन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आजादी के बाद से ही चला आ रहा भ्रष्टाचार का ये सिलसिला अब तक नहीं थमा है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं उन पॉलिटिशियन्स के बारे में जो भ्रष्टाचार के आरोप में खा चुके हैं जेल की हवा…
रशीद मसूद
कांग्रेस सांसद रशीद मसूद को सीबीआई की विशेष अदालत ने एमबीबीएस सीट आवंटन मामले में चार साल जेल की सज़ा सुनाई। मसूद साल 1990 और 1991 के बीच केंद्रीय स्वास्थ राज्य मंत्री थे। केंद्रीय पूल से देश भर के मेडिकल कॉलेजों में दाखि़ले के लिए त्रिपुरा को आवंटित एमबीबीएस सीटों पर धोखाधड़ी से अयोग्य उम्मीदवारों को नामित करने के मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया था।
ओमप्रकाश चौटाला
दिल्ली की एक अदालत ने जनवरी 2013 में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे समेत 53 लोगों को तीन हज़ार अध्यापकों को ग़ैर क़ानूनी रूप से भर्ती करने का दोषी क़रार दिया। चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को 10-10 साल क़ैद की सज़ा सुनाई गई। हरियाणा में 1999-2000 के दौरान 3,032 लोगों को अध्यापक के तौर पर भर्ती किया गया था। आरोप था कि इनमें से हर एक से तीन से चार लाख रुपये की रिश्वत ली गई थी।
सुखराम
नवंबर 2011 में पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम को पांच साल की क़ैद और चार लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। सुखराम ने पीवी नरसिंह राव सरकार में संचार मंत्री रहते हुए हरियाणा टेलीकॉम लिमिटेड कंपनी को 30 करोड़ रुपये के अवैध ठेके दिये थे। इसकी एवज में उन पर तीन लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप था।
लालू यादव
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को 3 अक्टूबर 2013 को अदालत ने पांच साल की सजा और 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने लालू यादव को चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 68 लाख रुपये के गबन के आरोप में दोषी पाया। कोर्ट में मामला 17 साल चला।
जगन्नाथ मिश्रा
जगन्नाथ मिश्रा बिहार के आखि़री कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। उनके चुनाव में हारने के बाद कांग्रेस कभी बिहार में सत्ता में वापसी नहीं कर पाई। जगन्नाथ मिश्रा को भी चारा घोटाले के सिलसिले में जेल जाना पड़ा था। वे भी चाइबासा कोषागार से 37.7 करोड़ रुपए निकालने के मामले में दोषी पाए गए थे। उन्हें इस मामले में अभियुक्त तब बनाया गया था जब वे विधानसभा में विपक्ष के नेता थे।
बंगारू लक्ष्मण
भारत के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण रिश्वत लेने के दोषी पाए गए थे। उन्हें पिछले साल अप्रैल में एक विशेष अदालत ने चार साल की सज़ा सुनाई थी। बंगारू लक्ष्मण तहलका के स्टिंग ऑपरेशन में एक नक़ली हथियार सौदे के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत लेने के दोषी ठहराए गए थे। तहलका का स्टिंग ऑपरेशन 2001 में हुआ था जिसमें उन्हें भाजपा मुख्यालय स्थित उनके कमरे में एक लाख रूपए रिश्वत लेते हुए दिखाया गया।
जयललिता
तमिलनाडु की सीएम जयललिता को बेंगलुरु की विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार देते हुए चार साल जेल की सजा दी थी। अदालत ने उन पर सौ करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। 18 साल पुराने (1996) इस मामले में जयललिता के साथ उनकी सहयोगी शशिकला, उनके दत्तक पुत्र सुधाकरन (जिन्हें उन्होंने बाद में त्याग दिया) और शशिकला को भी चार साल की सज़ा सुनाई गई थी। बाकी तीनों अभियुक्तों पर दस करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था।
ए राजा
डीएमके नेता के नेता ए राजा भी 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में 15 महीनों तक तिहाड़ जेल में बंद रहे थे। फिलहाल वे ज़मानत पर बाहर हैं।
आर बालकृष्ण पिल्लई
कांग्रेस के नेता रहे आर बालकृष्ण पिल्लई भी विद्युत परियोजना घोटाले में जेल जा चुके हैं। इस मामले में उन्हें एक साल की सश्रम सज़ा सुनाई गई थी।