आज भारत में 50 प्रतिशत लोग ट्रेन से रात का सफर करना बेहतर समझते हैं। कारण यह कि रात की नींद पूरी हो जाती है साथ ही अगले दिन समय से पहुंचकर अपना दिन शुरू किया जा सकता है। लेकिन अब अगर ट्रेन के सफर के दौरान आपको नींद आ रही है, तो अब इसके लिए आपको कम समय मिलेगा। रेलवे ने ट्रेन में आपकी नींद को लेकर एक नया फरमान जारी कर दिया है। ट्रेन में यात्रा के दौरान रात के समय सोने के समय में कटौती कर दी है।
1 सितंबर से लागू इस नए नियम के अनुसार शताब्दी और सीटिंग कोच वाली ट्रेन को छोड़कर के सभी तरह के स्लीपर और एसी फस्र्ट क्लास, एसी टू टीयर व थ्री टीयर कोच में रात के समय यात्रा कर रहे यात्री केवल 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक सो सकेंगे। यानि की अब यात्री 6 बजे से लेकर रात के 10 बजे तक नहीं सो सकेंगे। पहले रात के 9 बजे से लेकर सुबह के 6 बजे तक यात्री अपनी सीट का इस्तेमाल सोने के लिए कर सकते थे।
इन यात्रियों को मिली राहत-
रेलवे के नए नियम के अनुसार कुछ यात्रियों को इस नियम में ढील दी गई है। इनमें बीमार, दिव्यांग और गर्भवती महिलाएं शामिल हैं, जो तय किए गए समय के बाद भी अपनी रिजर्व सीट का इस्तेमाल सोने के लिए कर सकती हैं।
इसलिए घटाया समय-
रेेलवे ने सोने का समय इसलिए घटाया, क्योंकि यात्रियों के ऐसा करने से अन्य पैसेंजर्स को ज्यादा परेशानी होती थी, जो अपर और मिडिल बर्थ पर सोते थे। खासतौर से मिडिल बर्थ वाले यात्री लोअर बर्थ वाले यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बनते थे। हर दिन रेलवे को इसकी शिकायत मिलती थी।
साइड बर्थ वाले यात्रियों के लिए भी नियम-
ये नियम साइड बर्थ पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भी लागू होगा। जिन यात्रियों को साइड लोअर बर्थ मिली है, वे भी अब रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही सो पाएंगे।