महज़ तीन दिन के अंदर इसरो ने किया दूसरा बड़ा धमाका
एक साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च कर पूरी दुनिया को हैरान कर देने वाले इसरो की वाहवाही अभी शुरू ही हुई थी कि उसने एक और धमाका कर दिया। दरअसल इसरो ने शनिवार को देश में निर्मित सबसे बड़े क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण कर लिया है। इस शक्तिशाली इंजन का परीक्षण तमिलनाडु के तिरनेल्वेल्ली जिले के महेन्द्रगिरी स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में किया गया है। सूत्रों के मुताबिक इससे पहले सभी प्रणालियों की पुष्टि करने के लिए सी 25 स्टेज ने 25 जनवरी 2017 को 50 सेकेंड के लिए सफल उड़ान भरी थी।
बहरहाल इस संबंध में इसरो की ओर से बताया गया है कि स्टेज विकास के पहले 3 सीई 20 इंजन छोड़े गए थे जिनमें से दो इंजनों का समुद्र तल में परीक्षण किया गया और तीसरे इंजन को काफ़ी ऊंचाई में 25 सेकंड के लिए उड़ाया गया। आपको जानकर खुशी होगी कि इसरो का यह इंजन जीएसएलवी मार्क तृतीय 400 टन श्रेणी के रॉकेट को अंतरिक्ष में छोड़ने में सक्षम है। यह इंजन जीएसएलवी मार्क II की जगह लेगा, जिसको 2001 में लॉन्च किया गया था।
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दो दशकों की कोशिशों के बाद बना है मार्क III
मार्क तृतीय को दो दशक के अथक प्रयासों के बाद बनाया गया है। इस इंजन में ईंधन के तौर पर लिक्विड हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाता है। इस ईंधन को माइनस 253 डिग्री सेंटीग्रेड में रखा जाता है। वैसे ख़ास बात यह है कि रूस, अमेरिका, फ्रांस, चीन, जापान के बाद भारत इस अनोखे इंजन वाले क्लब में शामिल हो गया है।