इसरो ने की नई खोज, अब कैरोसीन की मदद से स्पेस में पहुंचेगा सेटेलाइट
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन सेमी क्रायोजनिक इंजन के लिए केरोसीन तेल के इस्तेमाल को लेकर काफी समय से काम कर रहा है। बता दें कि कैरोसीन से पहले इस्तेमाल होने वाले ईंधन व्हीकल लांच करने में समस्या पैछा करते हैं। व्हीकल को लांच करने वाला मौजूदा तेल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का मिश्रण है जिसे माइनस 253 डिग्री के तापमान से जमाकर एकत्रित किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार , अगर योजना के अनुसार ये प्रोजेक्ट सफल रहा तो 2021 तक इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
तिरूवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक डॉ.के सिवान ने बताया कि परीक्षण के दौरान कैरोसीन का इस्तेमाल काफी सुगम है और ये ज्यादा जगह में फैलता भी नहीं है। ये व्हीकल की पैलोड क्षमता को भी बढ़ाएगा। ये क्षमता 4 टन से बढ़कर छह टन तक हो जाएगी। जिसके कारण व्हीकल भारी से भारी रॉकेट को उपग्रह में आसानी से ले जाने में सक्षम होगा। वहीं कैबिनेट, इस प्रोजेक्ट को 2008 में ही पास कर चुकी है जिसमें 1798 करोड़ की लागत आएगी।
- - Advertisement - -