दुखी रहते हैं आप, इसका एक कारण ढूंढ लाए है रिसर्चर
आज के जमाने में सुखी रहना भी किसी कला से कम नहीं है। इस जमाने में इतने सारी निगेटिव चीज़ें हैं जिनसे आप दुखी हो जाते हो लेकिन एक चीज़ ऐसी है जिसका इस्तेमाल आप रोज करते हो और वो आपके टेंशन का सबसे बड़ा कारण बनती है। ऐसा हमारा कहना नहीं बल्कि कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है।
ज़िन्दगी में कभी खुशी तो कभी गम लगे ही रहते हैं लेकिन फिर भी आजकल छोटी-छोटी बातों को लेकर ज़्यादा टेंशन हो जाता है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं रिसर्च करके पता लगाया है कि आज का इंसान इतना दुखी क्या है ऐसा क्या है जो उसे अंदर ही अंदर खाए जा रहा है और आखिकरकार उन्होंने एक ऐसा ठोस कारण ढूंड ही निकाला जो आपको सबसे ज़्यादा परेशान करता है।
सोशल मीडिया का इस्तेमाल तो रोजाना करते ही होंगे। फेसबुक पर अपनी टाइमलाइन रोज चेक करना तो हमारी आदत में ऐसे शामिल है मानों वो कोई दवाई हो जिसे रोजाना लेने से हम में नई पावर आ जाती है लेकिन रिसर्च के अनुसार यही सोशल मीडिया आपकी परेशानी का सबब बन रहा है।
अमेरिका में सैन डिएगो, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय :यूसीएसडीः के शोधकर्ताओं ने 5,208 लोगों से 2013 से 2015 के बीच उनके फेसबुक इस्तेमाल करने के बारे में आंकड़ों को एकत्रित किया। शोधकर्ताओं ने फेसबुक गतिविधि और शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, जीवन में संतुष्टि और बॉडी मास इंडेक्स के साथ वास्तविक दुनिया की सोशल नेटवर्क गतिविधि की जांच की।
आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि फेसबुक का अधिक इस्तेमाल करना ‘‘सामाजिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य से समझौता करने से जुड़ा है।’’ यूसीएसडी में सहायक प्रोफेसर हॉली शाक्या ने कहा, ‘‘जो लोग सोशल नेटवर्क वेबसाइट का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, वे कभी कभार इसका इस्तेमाल करने वालों के मुकाबले खुश और स्वस्थ नहीं होते।’’
अध्ययन में शामिल में अमेरिका के येल विश्वविद्यालय की निकोलस क्रिसटाकिस ने कहा कि फेसबुक का इस्तेमाल करना कुशल मंगल होने से नकारात्मक रूप से जुड़ा है। शोधकर्ताओं ने कहा कि यहां तक कि ‘‘लाइक्स क्लिक्ड’’, ‘‘लिंक्स क्लिक्ड’’ या ‘‘स्टेटस अपडेट्स’’ में एक फीसदी बढ़ोतरी का संबंध स्व सूचित मानसिक स्वास्थ्य में पांच से आठ फीसदी की गिरावट से है। यह शोध अमेरिकी पत्रिका एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
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