9 महीने में तय होगा लालू का भविष्य, जाते हैं जेल या करते है राज?
सुप्रीम कोर्ट ने आज चारा घोटाले केस पर अपना अहम् फैसला सुनाया। कोर्ट ने CBI की याचिका स्वीकार कर ली है और चारा घोटाले में हर केस का अलग-अलग ट्रायल चलाने का फैसला दिया है। इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला पलट दिया। अब लालू प्रसाद यादव पर आपराधिक साजिश का केस चलेगा। कोर्ट ने ट्रायल को 9 महीने के भीतर खत्म करने का भी निर्देश दिया है।
47 आरोपी थे, जिनमें से 15 आरोपियों की मौत हो गई
90 के दशक में बिहार में लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री-काल में लगभग 950 करोड़ रुपये का चारा घोटाला हुआ था। वर्ष 1996 में सामने आए इस मामले में लालू यादव के अलावा कुल 47 आरोपी थे, लेकिन लंबे समय से चल रही अदालती कार्यवाही के दौरान 15 आरोपियों की मौत हो गई।
आज सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द किया, जिसमें चारा घोटाला मामलों में से एक में दोष सिद्धि के बाद लालू और अन्य के खिलाफ मुकदमों पर रोक लगा दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट के निष्कर्षाें में समरूपता होना चाहिए और मामले में विभिन्न आरोपियों पर अलग-अलग राय नहीं होना चाहिए।
नीतीश कुमार अगर लालू यादव का साथ छोड़ें तो समर्थन पर विचार
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने में विलंब के लिए CBI की खिंचाई भी की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि CBI निदेशक को इस महत्वपूर्ण मामले की ओर ध्यान देना चाहिए था और मामले को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी एक अधिकारी को सौंपनी चाहिए थी। वहीं, कोर्ट के इस फैसले के बाद एक मीडिया समूह से बात करते हुए बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अगर लालू यादव का साथ छोड़ें तो समर्थन पर विचार किया जा सकता है।
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