38 साल की उम्र में बने सबसे यंग पीएम, इंडिया से है ख़ास कनेक्शन
कुछ दिन पहले ही फ्रांस के चुनाव हुए थे और एक युवा राष्ट्रपति के रूप में एमैनुअल मैक्रौन चुने गए थे। एमैनुअल इस चुनाव को जीतकर सबसे यंग राष्ट्रपति बने थे। लेकिन हाल ही में आयरलैंड ने लियो वरदकर को अपना अपना प्रधानमंत्री चुना है। लियो वरदकर अब सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बन गए हैं।
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इस समय पूरी दुनिया में यूथ एक बड़ी पावर बनकर उभर रहा है। ये यूथ ही है जो टेक्नोलॉजी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलता है ऐसे में पॉलिटिक्स में भला यूथ कैसे पीछे रह सकता है। दुनियाभर के कई देशों में यंग लीडर्स ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया है और इन्हीं में एक नाम है लियो वरदकर का।
लियो वरदकर भारतीय मूल के हैं और साल 1960 के दशक में इनकी फैमिली आयरलैंड आई थी। लियो की बहन (कज़न) और जानी-मानी डांसर शुभदा वरदकर ने कहा, ‘हम स्वतंत्रता सेनानियों के ऐसे परिवार से आते हैं जिन्होंने 1960 के दशक में अपने पंख मुंबई और आयरलैंड में फैलाए।’ लियो के पिता डॉक्टर हैं और उन्होंने आयरलैंड की नर्स मीरियम से शादी की।
लियो खुद भी पेशे से डॉक्टर हैं। उनके माता-पिता मुंबई आते रहते हैं और उनके पैतृक गांव भी जाते हैं। लियो भी आते हैं। लियो ने अपनी इंटर्नशिप भी ज्ञम्ड हॉस्पिटल में की है। लियो जब खेल मंत्री थे, तब भी वह आयरलैंड की क्रिकेट टीम के साथ मुंबई आए थे।’ शुभदा ने बताया, ‘हमारा बहुत बड़ा परिवार है। जब आयरलैंड वाला परिवार भारत आता है तो हमारे घर में तकरीबन 60 लोग इकट्ठे हो जाते हैं।’ शुभदा और अन्य परिवार वाले चाहते हैं कि जब अगली बार वे लियो से मिले तो वह आयरलैंड के प्रधानमंत्री बन चुके हों।
कुछ खबरों में लियो को ’भारतीय प्रवासियों का समलैंगिक बेटा’ कहे जाने पर शुभदा ने कहा, ’इसे हेडलाइन बनाने की जरूरत नहीं है, लेकिन हां, लियो बोल्ड और ईमानदार हैं। उन्होंने खुद आयरलैंड की मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में यह माना था कि वह समलैंगिक हैं। आयरलैंड में समलैंगिक विवाह कानूनन वैध है और लियो इस दिशा में और सुधारों के लिए काम कर रहे हैं।’
शुभदा ने बताया, ’अगर लियो जीतते हैं तो वह आयरलैंड के सख्त अबॉर्शन कानून को लेकर जनमतसंग्रह करवाएंगे, जिसके मुताबिक रेप या मां की जान को खतरा होने पर भी अबॉर्शन पर प्रतिबंध है।’ शुभदा बीते साल डबलिन गईं थीं। उन्होंने बताया, ’अपने बिजी शेड्यूल के बावजूद लियो ने मुझे आयरलैंड की संसद और म्यूजियम दिखाए। मैं हंसी और कहा कि मैंने तो भारत की संसद तक नहीं देखी। इस पर लियो हंसे और कहा कि मैंने देखी है। वह हमेशा ही राजनीति और समाज सेवा में रूचि लेते थे। मैंने उन्हें नेहरू की डिस्कवरी ऑफ इंडिया किताब तोहफे में दी लेकिन मुझे पता लगा कि वह भारतीय इतिहास के बारे में पहले से ही जानते हैं।’
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