शराब से होने वाले नुकसानों को देखते हुए अब FSSAI एक नया कदम उठाने जा रही है। दरअसल, सिगरेट के पैकेट पर जिस तरह इससे होने वाले नुकसानों की चेतावनी दी जाती है, अब FSSAI उसी तरह शराब की बोतलों पर भी चित्र सहित चेतावनी देने की तैयारी कर रहा है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथिरिटी ऑफ इंडिया के एक अधिकारी के अनुसार फिलहाल एल्कॉहल के स्टैंडर्ड को आखिरी रूप देने की तैयारी चल रही है।
इसके साथ ही FSSAI दूसरे देशों में शराब की बोतलों पर दी जाने वाली चेतावनी का भी अध्ययन कर रहा है। अधिकारी ने बताया कि हम ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि नशे की हालत में ड्राइविंग और शराब के सेवन को लेकर दुनिया के अन्य देशों में किस तरह चेतावनी दी जाती हैं। इस योजना का उद्देश्य लोगों में नशे की हालत में ड्राइव करने से बचाने और शराब के कुप्रभावों को लेकर जागरूकता बढ़ाना है।
बता दें कि नशे की हालत में ड्राइविंग के खिलाफ एक एनजीओ सीएडीडी ने भारत में बनी विदेशी शराब की सभी बोतलों पर ड्रंकन ड्राइविंग पर चेतावनी जारी करने के लिए दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन 18 मई को सुनवाई के दौरान अदालत ने ऐसे किसी भी निर्देश को मानने से इंकार कर दिया था। लेकिन अब FSSAI इस पर विचार कर रही है। ताकि शराब पीने से होने वाले नुकसानों और घटनाओं में कमी की जा सके।
पीटीआई के मुताबिक CAAD के फाउंडर और ऐक्टिविस्ट प्रिंस सिंघल ने बताया, ‘मैं FSSAI के अधिकारियों से मिला था और उन्हें बोतलों पर इस्तेमाल किए जा सकने वाले संदेशों के अलावा 4 डिजाइन भी सौंपे हैं। सचित्र चेतावनी ज्यादा जरूरी हैं क्योंकि इन्हें भाषाओं की सीमा से परे जाकर आसानी से हर कोई समझ सकता है। जो पढ़े-लिखे नहीं हैं, वे भी इसे आसानी से समझ सकते हैं।’
सिंघल ने कहा कि सचित्र संदेश शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के लिए एक अलर्ट या चेतावनी के तौर पर काम करेगा। इससे सड़क दुर्घटनाओं में होने वाले रोजाना के दुखद हादसों में भी कमी आएगी। सिंघल के मुताबिक भारत में हर साल 1,46,000 लोग अपनी जान सड़क दुर्घटनाओं में गंवाते हैं और इसमें करीब 1,00,000 लोगों की मौत शराब पीकर गाड़ी चलाने से हुई।