सात जन्मों तक नहीं टूटती इस मंदिर से की हुई शादी
हिंदू धर्म में मान्यता है कि शादी सात जन्मों का बंधन होता है लेकिन आज के जमाने में शादी कहां सात जन्मों तक चलती है। आजकल तो शादी एक जनम तक ही चल जाए तो वही बात बहुत है। आजकल शादी के बाद तलाक होना आम बात हो गई है लेकिन हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर हुई शादी सात जन्मों तक ही चलती है।
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जिस मंदिर के बारे में हम आपको बताने वाले हैं उस मंदिर की मान्यता है कि यहां हुई शादी सात जन्मों तक नहीं टूटती। महाराष्ट्र के दहिसर में भाटला देवी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि जिन लोगों की शादी इस मंदिर में होती है, उनकी शादी में कभी भी दरार नहीं आती और ना ही दोनों के बीच कभी खटपट होती है। इससे भी बड़ी बात तो यह है कि लोग यह तक मानते हैं कि भाटला देवी माता के सामने विवाह बंधन में बंधे युवक-युवती, अगले सात जन्मों तक साथ निभाते हैं। अर्थात आने वाले सात जन्मों तक वे पति-पत्नी बनते हैं।
ये हैं कहानी
इस मंदिर के पीछे की कहानी कहती है कि जब पुर्तगाल से आए लोग वसई क्षेत्र में हिन्दू देवी-देवताओं के मंदिरों को ध्वस्त कर रहे थे तब चिमाजी आपा वहां से देवी की मूर्ति लेकर दहिसर आ गए। उस समय यह इलाका घने पेड़ों से घिरा हुआ था। यहां पीपल के एक पेड़ के नीचे उन्होंने देवी की मूर्ति छिपा दी।
सबसे पहले भाटों ने ही इस मूर्ति के दर्शन किए इसलिए इस मूर्ति को भाटला देवी कहा जाता है। भाटों ने यहां मंदिर बनवाया जो बहुत छोटा सा था। लेकिन जब तत्कालीन इंडस्ट्रीज कमिश्नर, जो बहुत धार्मिक प्रवृत्ति के थे, रिटायर हुए तब उन्होंने इस मंदिर को एक विशाल स्वरूप दिया और स्वयं ही इसकी देखरेख करने लगे।
यह मंदिर 40 हजार वर्ग फुट में फैला हुआ है, जिसमें भाटला देवी के अलावा पवनपुत्र, श्री राधाकृष्ण, गणेश जी की मूर्तियां मौजूद हैं। भक्तों का मानना है कि जो भी व्यक्ति यहां सच्चे और साफ मन से पूजा करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। यहां शादियां भी करवाई जाती हैं, जिनके पीछे की यह धारणा है कि वे कभी नहीं टूटतीं और ना ही उनमें दरार आती है।
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