नहीं रहे मप्र के पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा
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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा का बुधवार को हार्ट अटैक के बाद निधन हो गया है। वह 92 वर्ष के थे। मिली जानकारी के मुताबिक पटवा को सोते समय हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां पर उन्होंने अंतिम सांस ली। पटवा लम्बे से समय से बीमार थे।
मध्यप्रदेश के वर्तमान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पटवा के निधन पर शोक जताया है। इसके साथ ही राज्य में तीन दिन के लिए राजकीय शोक की घोषणा भी की है। बता दें कि पटवा मध्यप्रदेश में पहली बीजेपी सरकार में शामिल हुए थे। पटवा दो बार राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर चुने गए थे। 20 जनवरी 1980 से 17 फरवरी 1980 तक जनता पार्टी की सरकार में सीएम बने थे और दूसरी बार 5 मार्च 1990 से 15 दिसंबर 1992 तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री बनाए गए। हालांकि उन्होंने एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। सुंदरलाल पटवा का जन्म मंदसौर जिले के कुकड़ेश्वर गांव में 11 नवंबर 1924 को हुआ था।
ऐसा था पटवा का राजनीतिक करियर
-सुंदरलाल पटवा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जन संघ से की थी, जो 1977 में जनता पार्टी के साथ जुड़ गई थी। हालांकि इसके बाद जन संघ की हिंदुत्व विचारधारा में विश्वास रखने वाले सदस्यों ने पार्टी से खुद को अलग कर लिया और 1980 में भारतीय जनता पार्टी की शुरुआत की।
-वर्ष 1977 में छिंदवाड़ा में हुए उपचुनाव में वह पहली बार सांसद चुने गए थे। हालांकि 1998 में हुए आम चुनावों में उन्हें यहां से हार का सामना करना पड़ा था।
-वर्ष 1990 के विधान सभा चुनाव में वह सदस्य के तौर पर चुने गए थे। इसके साथ ही सन् 1993 में एक बार फिर पटवा विधान सभा सदस्य के तौर पर चुने गए। पटवा ने 1986 से बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष का पद भी संभाला।
-वर्ष 1947 से 1951 तक संघ प्रचारक एवं 1948 से संघ आंदोलन करने के दौरान उन्हें सात माह जेल में बिताना पड़ा।
-पटवा 1951 से जनसंघ के सक्रिय कार्यकर्ता रहे। इतना ही नहीं वह वाजपेयी सरकार में दो साल तक मंत्री पद भी बने रहे।
-पटवा ने महज 12 वी तक ही पढ़ाई की थी। इसके बावजूद हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर उनकी अच्छी पकड़ थी।
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