कैसा हो, अगर रहने, काम करने और डेली लाइफ की एक्टिविटी के लिए एक ही जगह पर सारी सुविधाएँ मिल जाएँ और कही जाने की जरुरत न पड़े? फ्यूल सेविंग्स के साथ ही नैचुरल एनर्जी से बिजली पानी की जरुरत पूरी हो और एनवायरमेंट को भी साफ़ रखा जा सके? एक ऐसा घर हो जहाँ प्राकृतिक आपदा के समय सुरक्षित रह सकें और प्राकृतिक आपदा का आपके मजबूत घर पर कोई असर भी न पड़े तो इससे अच्छा क्या हो सकता है?
उज्जैन के रहने वाले एक युवा, मोहित नाटानी जो अभी आर्किटेक्चर से ग्रेजुएशन कर रहे हैं और सरदार वल्लभभाई पटेल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, वसद गुजरात के फाइनल ईयर के स्टूडेंट हैं। ऐसे ही थॉट और आईडिया के साथ काम कर रहे हैं। अपने इस आईडिया को लेकर उन्होंने इंटरनेशनल ट्रॉपिकल आर्किटेक्चर डिज़ाइन कॉम्पीटिशन में हिस्सा लिया और फाइनल में पहुँच गए हैं। यह कॉम्पीटिशन बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन अथॉरिटी सिंगापुर ने सिंगापुर इंस्टिट्यूट ऑफ़ आर्किटेक्चर के साथ मिल कर ऑर्गनाइज किया है।
इस कॉम्पीटिशन में 18 देशों से 100 लोगों का चयन किया गया था जिनमे से मोहित भी हैं, और गौरव की बात यह है कि इस प्रतियोगिता के फाइनल राउंड में पहुंचे पांच फाइनलिस्ट में मोहित ने जगह बनाई है जो अकेले भारतीय हैं। मोहित, आर्किटेक्चर के स्टूडेंट्स के साथ साथ हर युवा के लिए एक इन्सपिरेसन हैं। अपनी मेहनत, इच्छाशक्ति और प्रतिभा के बूते और फैकल्टी Ar. Praveen Suthar और Ar. Pallavi Mahida के गाइडेंस से मोहित ने ये लक्ष्य हांसिल किया है।
इस प्रतियोगिता में कुछ ऐसा डिजाइन करना था, जो शहरों में अर्बन रेसिलिंस को कम करने में मददगार साबित हो सके और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लोगों को सुरक्षित रूप से रहने में मदद भी करे। इमारत को नेट ज़ीरो एनर्जी के साथ सेल्फ सस्टेनिंग होना चाहिए और BCA,Singapore के नियमों को भी पूरा करती हो और दुनिया भर में किसी भी ट्रॉपिकल या सब ट्रॉपिकल क्षेत्र में अप्लाय किया जा सके। मोहित ने इन सभी नियमों को ध्यान में रखते हुए अपने प्रोजेक्ट डिजाइन को बनाया और इस डिजाइन को फाइनल राउंड के लिए चुना गया है।
मोहित की बनाई गई डिजाइन को यहाँ देखें-