इंडिया के माइनोरिटी अफेयर्स के मिनिस्टर (स्टेट) मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि ट्रिपल तलाक धार्मिक के बजाय एक सोश्यल इशू है। उन्होंने आज यूपी के रामपुर में पत्रकारों से कहा कि कुछ लोग ट्रिपल तलाक को संकीर्ण दृष्टिकोण से देख रहे हैं और इसे धर्म से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि यह पूरी तरह सोश्यल प्रॉब्लम है।
नकवी ने इस मुद्दे पर आगे कहा कि मुसलमानों के लिए विकास बहुत जरुरी है, लेकिन दकियानूसी सोच वाले मुसलमान अपनी ही कम्युनिटी को पीछे धकेल रहे हैं। ट्रिपल तलाक धार्मिक मुद्दा नहीं है। इसे सामाजिक सुधार के नजरिए से ही देखना चाहिए। यह सोश्यल रिफॉर्म से जुड़ा हुआ मुद्दा है। उन्होंने विपक्षियों को सलाह देते हुए कहा कि तीन तलाक के मुद्दे को दकियानूसी मानसिकता के साथ ना देखे तो बेहतर होगा।
ईमानदार को छुएंगे नहीं, बेईमान को बख्शेंगे नहीं
वक्फ़ की सम्पत्ति को खुर्द-बुर्द करने के सवाल पर नक़वी ने कहा के जांच चल रही है और जाँच के बीच कोई टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जो ईमानदार हैं उन्हें छुआ नहीं जाएगा और बेइमानों को सरकार किसी भी कीमत पर माफी नहीं देगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान वक्फ एक्ट में अवैध कब्जे हटाए जाने की कार्रवाई के पर्याप्त प्रावधान है, लिहाजा क़ब्ज़े तो हटेंगे ही साथ ही केंद्र ने वक्फ प्रापर्टी से जुड़े मामलों की सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में इसके लिए एक बोर्ड ऑफ एजुकेटर का गठन किया है। ऐसे मामलों को वहीं देखा जाएगा. On the next page – क्या है वक्फ़ की सम्पत्ति को खुर्द-बुर्द करना?