नज़ीब के मुद्दे को लेकर सलमान ख़ुर्शीद से मिले नज़ीब के परिवार और JNU NSUI के छात्र
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दो महीने पहले जेएनयू हॉस्टल से गायब हुए छात्र नजीब अहमद के बारे में किसने सोचा होगा कि वो अब तक नहीं मिलेगा। नजीब के भाई मुजीब और उसकी माँ उसे ढूंढने की लाख कोशिश कर रहे है फिर भी उनके हाथ नाकामी ही आ रही है। एक बेटे के बिछड़ने का दर्द तो एक माँ ही जान सकती है।
14 अक्टूबर 2016 की रात को जेएनयू होस्टल में क्या हुआ, नजीब कैसे लापता हुआ किसी को नहीं पता। पुलिस ने इसकी अपने स्तर पर जांच की लेकिन कोई सबूत या कोई ऐसी चीज़ हाथ नहीं लगी जिससे कि वे नजीब का पता लगा सके। घटना को लेकर प्राक्टर की समितियों की अलग-अलग रिपोर्टिंग हैं।
नजीब के भाई मुजीब ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में बताया था कि ‘‘न कुलपति और ना ही विश्वविधालय का दूसरा कोई अधिकारी हमारे परिवार से मिलना चाहता है। एक दो बार हम जबरदस्ती उनके कार्यालय में घुसे भी मगर उन्होंने हमारे साथ ठीक सुलूक़ नहीं किया।’’ मुजीब का कहना है कि एक तो विश्वविधालय का असहयोग और ऊपर से उन्हें धमकियां भी मिल रहीं है।
मुजीब अपने भाई को ढूंढने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं उन्होंने 31 दिसंबर को जेएनयू और एनएसयूआई छात्रों के साथ मिलकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद से मिलकर नजीब से जुड़े मुद्दे पर बात की। सलमान खुर्शीद ने बड़ी ही गंभीरता के साथ नजीब के पूरे प्रकरण को सुना और आश्वासन दिया कि हम इस मुद्दे पर नजीब के परिवार के साथ है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ी घटना है कि देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जेएनयू का एक छात्र लगभग तीन महीने से लापता है लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
सरकार को भी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही है। दिल्ली पुलिस भी माननीय उच्च न्यायलय के डर से केवल कोटा पूरा कर रही है। जबकि एक छात्र को ऐसे गायब हो जाना बहुत ही गंभीर सवाल है। नजीब के भाई मुजीब के साथ-साथ जेएनयू और एनएसयूआई के छात्रों ने भी सलमान खुर्शीद से इस मुद्दे पर सहयोग की अपील की।
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