NEET एक्जाम में कोई बदलाव नहीं : सुप्रीम कोर्ट
नीट एक्जाम को लेकर चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने उस आदेश को नहीं बदला है। जी हां सुप्रीम कोर्ट ने नीट के तहत 2016-17 के एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों के लिए एक मई से होने वाली परीक्षा के खिलाफ दायर केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई से शुक्रवार को इनकार कर दिया। अब इस पर सुनवाई आगे होगी। कोर्ट ने कहा कि परीक्षाएं अपनी निर्धारित समय पर ही होंगी।
ये है मामला
आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निर्देश दिया था कि नीट की परीक्षा दो चरणों में होगी। पहले चरण की परीक्षा एक मई को जबकि दूसरे चरण की परीक्षा 24 जुलाई को कराई जाएगी। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार के इस आदेश में संशोधन की मांग करते हुए आज शीर्ष अदालत से कहा था कि वह राज्य सरकारों और निजी कॉलेजों को अकादमिक वर्ष 2016-17 के एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों के लिए अलग प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति दे। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने जस्टिस एआर दवे और जस्टिस एके गोयल की पीठ के समक्ष इस संदर्भ में याचिका का उल्लेख किया था।
ऐसे होगी एक्जाम
सीबीएसई ने कोर्ट में नीट परीक्षा दो फेज में कराने का प्रस्ताव दिया था, जिसमें पहले फेज की परीक्षा 1 मई और दूसरा 24 जुलाई को होगी। इन दोनों का कम्बाइंड रिजल्ट 17 अगस्त को जारी होगा। पहले चरण को 6 लाख 50 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी इसमें हिस्सा लेंगे। दूसरे चरण में 2 लाख 59 हजार से ज्यादा छात्र बैठेंगे।
हिंदी और इंग्लिश मे पेपर
केंद्र ने सुझाव देते हुए कहा कि 24 जुलाई को ही एक साथ परीक्षा होनी चाहिए। अगर टेस्ट 1 मई को होता है तो हिंदी और इंग्लिश मे होना चाहिए। 24 जुलाई को टेस्ट अंग्रेजी और 6 स्थानीय भाषाओं में होना चाहिए।
है भविष्य का सवाल
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि ये लाखों छात्रों के भविष्य का सवाल है, उन्हें ये नहीं लगना चाहिए कि उनके साथ सही नहीं हुआ। राज्यों में स्थानीय भाषाओं और हिंदी में भी टेस्ट होता है, लेकिन नीट अंग्रेजी में है। ऐसे में छात्रों को ये नहीं कहा जा सकता कि आप 30 दिन में अंग्रेजी में तैयारी करो, क्योंकि हिंदी में पेपर नहीं होगा।
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